India UPI Update : UPI यूजर्स के लिए बड़ा झटका! 1 अप्रैल से बंद हो जाएंगे इन नंबरों के पेमेंट
1 अप्रैल से UPI पेमेंट में बड़ा बदलाव! अगर आपका नंबर बैंक में अपडेट नहीं है, तो आपका UPI अकाउंट बंद हो सकता है। जानें नए नियम और बचने के तरीके।

अगर आप UPI (Unified Payments Interface) का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाइए! 1 अप्रैल 2025 से UPI ट्रांजैक्शन को लेकर बड़े बदलाव लागू होने जा रहे हैं। खासकर, अगर आपका मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है, तो आपका UPI अकाउंट बंद हो सकता है।
NPCI (National Payments Corporation of India) ने इन नए नियमों को साइबर फ्रॉड और डिजिटल पेमेंट सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लागू किया है। यानी, अगर आपका नंबर बैंक में अपडेट नहीं है, तो UPI से पैसे भेजना और रिसीव करना बंद हो सकता है!
कौन-कौन से UPI यूजर्स होंगे प्रभावित?
1 अप्रैल के बाद तीन तरह के UPI यूजर्स को दिक्कत हो सकती है:
जिन्होंने अपना मोबाइल नंबर बदल लिया है, लेकिन बैंक में अपडेट नहीं किया।
जो लंबे समय से अपने पुराने नंबर का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, लेकिन वह अभी भी UPI से जुड़ा हुआ है।
जिन्होंने पुराना सिम नंबर बंद कर दिया, लेकिन बैंक को इसकी जानकारी नहीं दी।
अगर आप इनमें से किसी भी कैटेगरी में आते हैं, तो आपका UPI अकाउंट ब्लॉक हो सकता है!
क्यों बदले जा रहे हैं UPI के नियम?
UPI ट्रांजैक्शन भारत में डिजिटल पेमेंट की रीढ़ बन चुका है। लेकिन, हाल के वर्षों में साइबर फ्रॉड और फर्जी ट्रांजैक्शन के मामले तेजी से बढ़े हैं। कई बार पुराने या बंद हो चुके मोबाइल नंबरों का गलत इस्तेमाल करके धोखाधड़ी की जाती है।
NPCI ने इस समस्या को रोकने के लिए बैंकों और डिजिटल पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (Google Pay, PhonePe, Paytm) को निर्देश दिया है कि वे हर हफ्ते अपने ग्राहकों के मोबाइल नंबर अपडेट करें और पुराने, निष्क्रिय नंबरों को हटा दें।
क्या होगा अगर आपका नंबर इनएक्टिव है?
अगर आपका मोबाइल नंबर UPI में लिंक है, लेकिन आप उसे लंबे समय से इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो:
आपका UPI अकाउंट बंद हो सकता है।
बैंक आपके नंबर को सिस्टम से हटा सकता है।
आपको दोबारा रजिस्ट्रेशन करना पड़ सकता है।
ऑनलाइन पेमेंट, QR कोड स्कैन और ऑटो-डेबिट सेवाएं बंद हो सकती हैं।
यानी, अगर आप समय रहते सतर्क नहीं हुए, तो आपको अचानक पेमेंट फेल होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है!
कैसे पहचाने जाएंगे पुराने नंबर?
NPCI ने बैंकों और डिजिटल पेमेंट कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे Mobile Number Revocation List (MNRL) और Digital Intelligence Platform (DIP) की मदद से निष्क्रिय और बंद नंबरों की पहचान करें।MNRL: यह एक डिजिटल लिस्ट है जिसमें उन मोबाइल नंबरों की जानकारी होती है जो टेलीकॉम कंपनियों द्वारा स्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। यह लिस्ट हर महीने अपडेट होती है और TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है।
DIP: यह एक इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म है, जो टेलीकॉम ऑपरेटर्स, बैंक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों के बीच डेटा शेयर करता है। इससे निष्क्रिय और संदिग्ध नंबरों की पहचान की जाती है।
बचाव के लिए क्या करें?
अगर आप UPI यूजर हैं, तो 1 अप्रैल से पहले ये दो जरूरी काम कर लें:
चेक करें कि आपका मौजूदा मोबाइल नंबर बैंक में रजिस्टर्ड है या नहीं।
अगर आपने हाल ही में नंबर बदला है, तो तुरंत बैंक में अपडेट करवाएं।
कैसे अपडेट करें?
बैंक ब्रांच जाकर मोबाइल नंबर अपडेट करवाएं।
नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग ऐप से भी नंबर अपडेट किया जा सकता है।
भारत में UPI का बढ़ता प्रभाव
भारत में UPI पेमेंट हर साल नए रिकॉर्ड बना रहा है।
जनवरी 2025 में UPI ट्रांजैक्शन 18 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया।
2023 में 9.41 बिलियन ट्रांजैक्शन हुए, जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा हैं!
RBI और NPCI लगातार डिजिटल पेमेंट को और सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम लागू कर रहे हैं।
NPCI का कहना है कि "UPI को सुरक्षित और फ्रॉड-फ्री बनाने के लिए यह बदलाव जरूरी है।"
आपकी राय?
क्या आपको लगता है कि NPCI का यह कदम सही है?
क्या आपने अपना नंबर बैंक में अपडेट कर लिया है?
अगर नहीं, तो देर मत कीजिए! यह खबर अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें, ताकि वे भी UPI ब्लॉक होने से बच सकें!
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