Seraikela Bike Theft Gang: पुलिस की बड़ी कार्रवाई, अंतरराज्यीय बाइक चोरी गिरोह का खुलासा, 70 बाइक जब्त
Seraikela पुलिस ने अंतरराज्यीय बाइक चोरी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 70 चोरी की बाइक जब्त कीं। जानें कैसे SP ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड।
क्या आपने कभी सोचा है कि चोरी की गई मोटरसाइकिलें कहां जाती हैं? सरायकेला पुलिस ने इस सवाल का जवाब ढूंढते हुए अंतरराज्यीय मोटरसाइकिल चोरी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में 70 चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की गईं, जो झारखंड में अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी है।
SP ने फिर तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड
इस बड़ी कार्रवाई के पीछे सरायकेला के एसपी मुकेश कुमार लुणायत का नेतृत्व है, जिन्होंने पहले भी अगस्त 2022 में जमशेदपुर में 67 चोरी की मोटरसाइकिलों की बरामदगी का रिकॉर्ड बनाया था। इस बार उन्होंने अपने ही रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए 70 मोटरसाइकिलें बरामद की हैं। यह सफलता एसआईटी (विशेष जांच दल) द्वारा की गई सटीक रणनीति और त्वरित कार्रवाई का नतीजा है।
कैसे हुआ गिरोह का खुलासा?
सरायकेला पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि तमाड़ थाना क्षेत्र के तीन मोटरसाइकिल चोर कुचाई बाजार में चोरी की योजना बना रहे हैं। एसपी के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने इस सूचना का सत्यापन किया और मौके से दो आरोपियों—शंकर माझी उर्फ संदीप और भूषण मछुआ—को चोरी की मोटरसाइकिल के साथ गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने सरायकेला, रांची, चाईबासा, खूंटी और जमशेदपुर के ग्रामीण और शहरी इलाकों से 100 से अधिक मोटरसाइकिलें चुराई थीं। चोरी की गई मोटरसाइकिलें वे शिव मुंडा और मंगल मुंडा को बेच देते थे, जो ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हें दस्तावेज बाद में देने के बहाने बेच देते थे।
30 मोटरसाइकिल जंगल में छिपाई गईं थीं
शिव मुंडा और मंगल मुंडा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनके ठिकानों और जंगलों से 30 चोरी की मोटरसाइकिल बरामद कीं। गिरोह की योजना थी कि इन मोटरसाइकिलों को जल्द ही बेच दिया जाए। इसके अलावा, अन्य स्थानों पर छापेमारी में पुलिस ने 39 और मोटरसाइकिलें बरामद कीं।
ग्रामीणों को दी गई चेतावनी
एसपी लुणायत ने ग्रामीणों को चेतावनी दी है कि बिना वैध दस्तावेज के किसी भी अनजान व्यक्ति से वाहन न खरीदें। यह गिरोह ग्रामीण इलाकों में पुरानी मोटरसाइकिलें बेचने का झांसा देकर अपनी चोरी की गाड़ियां खपा रहा था।
कौन-कौन थे शामिल?
पुलिस ने गिरोह के चार मुख्य सदस्यों—शंकर माझी उर्फ संदीप, भूषण मछुआ, शिव मुंडा और मंगल मुंडा—को गिरफ्तार किया है। इनके अलावा, इस अभियान में कई पुलिस अधिकारी और सशस्त्र बल भी शामिल थे।
अभियान का नेतृत्व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सरायकेला समीर सवैया, चांडिल इंस्पेक्टर अजय कुमार, कुचाई थाना प्रभारी नरसिंह मुंडा और अन्य पुलिसकर्मियों ने किया।
इतनी बड़ी बरामदगी क्यों है खास?
झारखंड में यह अब तक की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल चोरी रिकवरी है। यह कार्रवाई न केवल पुलिस की काबिलियत को दर्शाती है, बल्कि क्षेत्र में चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने की दिशा में भी अहम है।
अपराधियों पर शिकंजा, जनता को सतर्कता की सलाह
इस अभियान ने न केवल अंतरराज्यीय बाइक चोरी गिरोह का पर्दाफाश किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई कैसे बड़ी सफलताओं में बदल सकती है। इस घटना से सबक लेते हुए, आम जनता को भी सतर्क रहना चाहिए और बिना वैध दस्तावेज किसी भी वाहन की खरीद-फरोख्त से बचना चाहिए।
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