Jamshedpur Park Theft: दो साल पुराने करोड़ों के पार्क से गायब हुई रेलिंग, प्रशासन की नींद टूटी या जनता फिर होगी निराश?

जमशेदपुर से सटे कपाली के हासाडूंगरी पार्क से अज्ञात चोर लोहे की रेलिंग चुरा ले गए। डेढ़ करोड़ की लागत से बना यह पार्क अब बदहाली का शिकार। प्रशासन की कार्रवाई पर उठे सवाल।

Mar 4, 2025 - 19:17
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Jamshedpur Park Theft: दो साल पुराने करोड़ों के पार्क से गायब हुई रेलिंग, प्रशासन की नींद टूटी या जनता फिर होगी निराश?
Jamshedpur Park Theft: दो साल पुराने करोड़ों के पार्क से गायब हुई रेलिंग, प्रशासन की नींद टूटी या जनता फिर होगी निराश?

कपाली नगर परिषद का पार्क बना चोरी और बदहाली का शिकार

जमशेदपुर से सटे सरायकेला-खरसावां जिले के हासाडूंगरी, कपाली में बने नगर परिषद पार्क में कुछ ऐसा हुआ, जिसने पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना दिया है। करीब दो साल पहले करोड़ों की लागत से बना यह पार्क अब बदहाली की कगार पर खड़ा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पार्क की लोहे की रेलिंग पूरी तरह गायब हो गई है, जिसे अज्ञात चोरों ने चुरा लिया।

क्यों बना पार्क की चोरी का अड्डा?

पार्क को लोगों के मनोरंजन और आराम के लिए बनाया गया था, लेकिन धीरे-धीरे यह असामाजिक तत्वों के अड्डे में बदलता गया। नगर परिषद के प्रशासक गोपी कृष्ण ने बताया कि पार्क की सुरक्षा को लेकर कदम उठाए जा रहे हैं। "हमें जैसे ही चोरी की जानकारी मिली, तुरंत वहां लाइट लगाने का आदेश दिया गया ताकि अड्डाबाजी पर रोक लगाई जा सके," उन्होंने कहा।

इतना ही नहीं, इस मामले को लेकर कपाली ओपी को भी सूचित कर दिया गया है और जल्द ही कड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह कार्रवाई वाकई होगी या फिर जनता को सिर्फ आश्वासन ही मिलेगा?

डेढ़ करोड़ की लागत से बना पार्क बदहाल क्यों?

पूर्व वार्ड पार्षद मोहम्मद इरफान ने बताया कि करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से पार्क और नाले का निर्माण किया गया था, लेकिन अब इसकी स्थिति दयनीय हो गई है।

  • नालों की सफाई नहीं हो रही।
  • पार्क की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी।
  • अब लोहे की रेलिंग भी चोरी हो गई, जिससे पार्क पूरी तरह असुरक्षित हो गया है।

इरफान का कहना है कि "हमने नगर परिषद से FIR दर्ज करने की मांग की है ताकि चोरी में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो सके।"

जनता का क्या होगा?

अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस चोरी को गंभीरता से लेगा? या फिर यह मामला भी कई अन्य मामलों की तरह फाइलों में ही दब जाएगा? क्या करोड़ों की लागत से बना पार्क फिर से संवर पाएगा, या जनता की उम्मीदें टूट जाएंगी?

अब निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। अगर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह पार्क सिर्फ एक बर्बाद परियोजना का उदाहरण बनकर रह जाएगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।