Jamshedpur Dispute: रियल एस्टेट कंपनी में डायरेक्टर को हटाने पर मचा बवाल! कानूनी लड़ाई तेज
जमशेदपुर की नामी रियल एस्टेट कंपनी "समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड" में निदेशक पद को लेकर बड़ा विवाद! राजेश कुमार सिंह ने इसे अवैध बताते हुए 50 करोड़ की मानहानि का दावा ठोका। जानिए पूरा मामला!

जमशेदपुर: शहर की बड़ी रियल एस्टेट कंपनी समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक पद को लेकर जबरदस्त खींचतान शुरू हो गई है। कंपनी के कुछ निदेशकों ने मिलकर डायरेक्टर राजेश कुमार सिंह और उनकी पत्नी भारती सिंह को पद से हटा दिया, जिसके बाद विवाद और भी गहरा गया है। इतना ही नहीं, इस फैसले को सार्वजनिक करने के लिए एक एडवरटाइजमेंट तक जारी किया गया, जिससे मामला और तूल पकड़ लिया।
राजेश कुमार सिंह ने इस फैसले को अवैध बताते हुए खुलकर विरोध जताया है। उन्होंने मंगलवार को जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह निर्णय कंपनी अधिनियम 2013 के नियमों का उल्लंघन है और इसके खिलाफ वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, जिसका असली मकसद कंपनी में हुई करोड़ों रुपये की वित्तीय गड़बड़ी को छिपाना है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
यह विवाद तब गहराया, जब 28 फरवरी को कंपनी की एक "अतिरिक्त-साधारण आम बैठक" (EOGM) बुलाई गई, जिसमें राजेश सिंह और उनकी पत्नी को निदेशक पद से हटाने का निर्णय लिया गया। लेकिन सिंह का दावा है कि यह बैठक पूरी तरह अवैध थी क्योंकि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में पहले से इस मामले पर सुनवाई चल रही है।
उन्होंने बताया कि 24 फरवरी 2025 को अदालत ने आदेश दिया था कि बोर्ड में कोई भी बदलाव मौजूदा कानूनी प्रक्रिया के परिणामों पर निर्भर करेगा। इसके बावजूद कुछ निदेशकों ने 28 फरवरी को बैठक बुलाकर उनको निदेशक पद से हटा दिया, जो कि अदालत की अवमानना है।
क्या है असली वजह?
राजेश सिंह के अनुसार, यह विवाद सिर्फ निदेशक पद से हटाने का नहीं, बल्कि कंपनी में हो रहे वित्तीय घोटालों को छिपाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि कंपनी के कुछ लोग करोड़ों रुपये की हेराफेरी में शामिल हैं, जिसे उन्होंने उजागर करने की कोशिश की थी। जब उन्होंने कंपनी के वित्तीय मामलों को पारदर्शी बनाने की मांग की, तो इसके जवाब में उनको और उनकी पत्नी को अवैध रूप से पद से हटाने की साजिश रची गई।
राजेश सिंह ने बताया कि उन्होंने 2022 से लेकर 2024 तक कई बार कंपनी के वित्तीय अनियमितताओं को लेकर पत्र भेजे, लेकिन उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने बैंकर एक्सिस बैंक को भी पत्र लिखकर निर्देश दिया था कि किसी भी वित्तीय लेन-देन के लिए चार निदेशकों के हस्ताक्षर जरूरी हों, लेकिन इस निवेदन को भी ठुकरा दिया गया।
50 करोड़ की मानहानि का दावा
राजेश सिंह ने इस फैसले को अपनी प्रतिष्ठा पर सीधा हमला बताया है और इस अवैध तरीके से हटाए जाने के कारण 50 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा ठोका है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उनकी व्यक्तिगत छवि का सवाल नहीं है, बल्कि कॉर्पोरेट गवर्नेंस, पारदर्शिता और न्याय का मामला भी है।
उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वे आज भी कंपनी के कानूनी रूप से वैध निदेशक हैं और किसी भी अवैध निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने इस मामले में एसडीओ और थाना प्रभारी को शिकायत दर्ज करवाई है और जल्द ही उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
निवेशकों के लिए चेतावनी
राजेश सिंह ने निवेशकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि "समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का मामला NCLT में लंबित है। निवेश करने से पहले विवेकपूर्ण निर्णय लें, ताकि भविष्य में किसी भी निवेशक को नुकसान न हो।"
उन्होंने दावा किया कि जब तक कानूनी लड़ाई जारी रहेगी, तब तक कंपनी के प्रोजेक्ट भी प्रभावित हो सकते हैं।
अब क्या होगा आगे?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी और निदेशकों के बीच यह विवाद किस दिशा में जाता है। क्या अदालत राजेश सिंह के पक्ष में फैसला सुनाएगी? या फिर अन्य निदेशक अपने फैसले को सही साबित करने में कामयाब होंगे?
इस मामले ने जमशेदपुर के रियल एस्टेट सेक्टर में खलबली मचा दी है, और निवेशकों की निगाहें इस कानूनी लड़ाई पर टिकी हुई हैं।
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