Jamshedpur Traffic Check: संस्थापक दिवस पर ट्रैफिक जांच से मची हलचल, क्या प्रशासन देगा 3 दिन की छूट या बरकरार रहेगी सख्ती
जमशेदपुर में 3 मार्च संस्थापक दिवस के अवसर पर ट्रैफिक जांच की सख्ती से विवाद बढ़ गया है। क्या प्रशासन छूट देगा या जारी रहेगा कड़ा रुख? जानिए पूरी खबर।

जमशेदपुर: टाटा नगरी में 3 मार्च को संस्थापक दिवस पर होने वाली भव्य विद्युत सज्जा के बीच इस बार ट्रैफिक नियमों की सख्ती को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पश्चिम जमशेदपुर के विधायक सरयू राय के जनसुविधा प्रतिनिधि धर्मेंद्र प्रसाद ने यातायात डीएसपी को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि 3 दिनों तक वाहन जांच में छूट दी जाए, ताकि दूर-दराज से आने वाले आगंतुकों को परेशानी न हो।
क्या है पूरा मामला?
जमशेदपुर में हर साल 3 मार्च को संस्थापक जमशेदजी नसरवानजी टाटा की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। इस मौके पर जुबिली पार्क समेत पूरे शहर को रोशनी से जगमग किया जाता है। इस भव्य आयोजन को देखने के लिए न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि आसपास के जिलों और राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं। लेकिन इस बार प्रशासन ने परंपरा को बदलते हुए कड़ी वाहन जांच शुरू कर दी है, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
विधायक प्रतिनिधि का विरोध
धर्मेंद्र प्रसाद ने अपने ज्ञापन में स्पष्ट किया कि हर साल इस अवसर पर ट्रैफिक पुलिस वाहन जांच में छूट देती थी, जिससे आगंतुक बिना किसी परेशानी के जुबिली पार्क और अन्य इलाकों का भ्रमण कर पाते थे। लेकिन इस बार प्रशासन ने अचानक गहन वाहन जांच शुरू कर दी है, जिससे लोगों की आवाजाही बाधित हो रही है।
स्वास्थ्य सेवा के विधायक प्रतिनिधि नीरज सिंह ने भी इस मुद्दे को उठाया और कहा कि इस फैसले से लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। कई नागरिक अपनी शिकायतें जनप्रतिनिधियों तक पहुंचा चुके हैं और प्रशासन के इस सख्त रवैए पर घोर आपत्ति जता रहे हैं।
परंपरा से छेड़छाड़ या नई सुरक्षा नीति?
जमशेदपुर में संस्थापक दिवस का उत्सव एक ऐतिहासिक आयोजन माना जाता है। यह टाटा स्टील द्वारा 1932 से मनाया जा रहा है और तब से अब तक हर साल यह परंपरा चली आ रही है। लेकिन इस बार प्रशासन ने सख्त ट्रैफिक जांच को अपनी प्राथमिकता बनाया है। कुछ लोगों का मानना है कि यह सुरक्षा के लिहाज से जरूरी कदम है, जबकि अन्य इसे परंपरा से छेड़छाड़ मान रहे हैं।
क्या होगी प्रशासन की अगली कार्रवाई?
यातायात पुलिस को ज्ञापन मिलने के बाद अब प्रशासन के रुख पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। क्या 3 मार्च को यात्रियों को राहत मिलेगी या जांच का सिलसिला जारी रहेगा? इस पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
जनता की क्या है राय?
- स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि कड़ी जांच से टूरिज्म और स्थानीय कारोबार प्रभावित होगा।
- आगंतुकों को उम्मीद है कि प्रशासन 3 दिनों तक छूट देने के फैसले पर पुनर्विचार करेगा।
- सुरक्षा के मद्देनजर कुछ नागरिक ट्रैफिक जांच को जरूरी मानते हैं, लेकिन इसे सुव्यवस्थित करने की मांग कर रहे हैं।
अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन अपने फैसले पर कायम रहता है या जनता की मांग को ध्यान में रखते हुए छूट प्रदान करता है।
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