Jamshedpur Eye Surgery: आनंद मार्ग के मुफ्त लैंस प्रत्यारोपण से 15 मरीजों को मिली नई रोशनी!

आनंद मार्ग और पूर्णिमा नेत्रालय के सहयोग से जमशेदपुर में 15 मरीजों का निशुल्क लैंस प्रत्यारोपण किया गया। जानिए फेको सर्जरी और SICS सर्जरी के बारे में, और 27 फरवरी को होने वाले नेत्र जांच शिविर की पूरी जानकारी।

Feb 25, 2025 - 18:34
Feb 25, 2025 - 18:38
 0
Jamshedpur Eye Surgery: आनंद मार्ग के मुफ्त लैंस प्रत्यारोपण से 15 मरीजों को मिली नई रोशनी!
Jamshedpur Eye Surgery: आनंद मार्ग के मुफ्त लैंस प्रत्यारोपण से 15 मरीजों को मिली नई रोशनी!

जमशेदपुर: आंखों की रोशनी गंवा चुके 15 मरीजों के जीवन में फिर से उजाला लाने के लिए आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल और पूर्णिमा नेत्रालय के सहयोग से दृष्टि सेवा महाअभियान के तहत निशुल्क लैंस प्रत्यारोपण किया गया। इस दौरान 9 फेको सर्जरी और 6 एस.आई.सी.एस. सर्जरी के जरिए मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों की आंखों की रोशनी बहाल की गई।

आनंद मार्ग ने आयुष्मान भारत योजना और राष्ट्रीय अंधत्व निवारण एवं नियंत्रण कार्यक्रम (DBCSP) के तहत इन 15 मरीजों को चिन्हित किया था, जिनका मोतियाबिंद पूरी तरह मेच्योर हो चुका था। इन सभी का इलाज पूर्णिमा नेत्रालय के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा किया गया।

कैसे होती है फेको सर्जरी और एस.आई.सी.एस. सर्जरी?

1. फेको सर्जरी (Phacoemulsification Surgery)

इस तकनीक में अल्ट्रासोनिक तरंगों का उपयोग करके मोतियाबिंद को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है और फिर उसे आंख से बाहर निकाल दिया जाता है। इसके बाद कृत्रिम लेंस (Artificial Lens) प्रत्यारोपित कर दिया जाता है, जिससे मरीज को दोबारा स्पष्ट देखने में मदद मिलती है।

2. एस.आई.सी.एस. सर्जरी (Small Incision Cataract Surgery - SICS)

यह पारंपरिक सर्जरी पद्धति है, जिसमें डॉक्टर कॉर्निया के किनारे पर एक बड़ा चीरा लगाकर मोतियाबिंद को पूरी तरह हटा देते हैं और उसकी जगह कृत्रिम लेंस प्रत्यारोपित कर देते हैं। यह प्रक्रिया टांका रहित होती है, यानी इसमें कोई स्टिचिंग नहीं की जाती और चीरा अपने आप ठीक हो जाता है।

27 फरवरी को गदरा में होगा बड़ा नेत्र जांच शिविर

नेत्र चिकित्सा अभियान को आगे बढ़ाते हुए 27 फरवरी को गदरा आनंद मार्ग जागृति शिव मंदिर के पास एक नेत्र जांच शिविर आयोजित किया जाएगा। यह शिविर सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक चलेगा, जहां जरूरतमंद मरीजों की आंखों की जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए चयनित किया जाएगा।

नेत्र चिकित्सा में आनंद मार्ग की ऐतिहासिक भूमिका

आनंद मार्ग सिर्फ आध्यात्मिक संगठन नहीं है, बल्कि यह समाजसेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य और प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्यों के लिए भी जाना जाता है। भारत समेत कई देशों में यह संगठन मुफ्त नेत्र चिकित्सा शिविरों के जरिए हजारों लोगों की रोशनी लौटा चुका है। मोतियाबिंद जैसी समस्या, जो समय पर इलाज न होने पर स्थायी अंधत्व का कारण बन सकती है, के उपचार में आनंद मार्ग की यह पहल बेहद सराहनीय है।

यह नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा अभियान उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है, जो महंगे इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। आनंद मार्ग और पूर्णिमा नेत्रालय के इस संयुक्त प्रयास से जमशेदपुर और आसपास के कई इलाकों के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। अगर आपके परिवार में कोई व्यक्ति मोतियाबिंद से पीड़ित है, तो 27 फरवरी को गदरा में होने वाले नेत्र जांच शिविर में जरूर जाएं और इस मौके का लाभ उठाएं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।