Chaibasa Naxal Encounter: जंगल में छिपा था खौफनाक राज, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा!
चाईबासा में नक्सल ठिकानों पर बड़ा खुलासा! जंगल में छिपे हथियार और विस्फोटक बरामद, जानिए कैसे सुरक्षा बलों ने नाकाम की नक्सलियों की साजिश?

झारखंड के सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम के जंगलों में पिछले कुछ वर्षों से नक्सली गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही थीं। Chaibasa Naxal Encounter के तहत सुरक्षा बलों ने हाल ही में एक बड़ा अभियान चलाया, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस ऑपरेशन में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और अन्य महत्वपूर्ण सामान बरामद हुए हैं, जो यह दर्शाता है कि इस क्षेत्र में नक्सली संगठन किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे।
कैसे चला अभियान और क्या हुआ बड़ा खुलासा?
सूत्रों के अनुसार, प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन अपने दस्ते के साथ सारंडा और कोल्हान के जंगलों में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। इसी इनपुट के आधार पर चाईबासा पुलिस, कोबरा 209 बटालियन, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ की कई बटालियनों ने एक संयुक्त अभियान दल गठित कर लगातार सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
कौन-कौन से गांवों में चला सर्च ऑपरेशन?
वर्ष 2022 से ही सुरक्षा बलों द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस बार अभियान गोईलकेरा थाना क्षेत्र के तहत कुईड़ा, छोटा कुईड़ा, मारादिरी, मेरालगड़ा, हाथीबुरू, तिलायबेड़ा, बोयपाईससांग, कटम्बा, बायहातु, बोरोय, लेमसाडीह समेत टोन्टो थाना क्षेत्र के हुसिपी, राजाबासा, तुम्बाहाका, रेगड़ा, पाटातोरब, गोबुरू, लुईया जैसे सीमावर्ती इलाकों में चलाया गया।
जंगल में छिपा था बड़ा नक्सली ठिकाना
खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों को यह पता चला कि टोन्टो थाना क्षेत्र के घने जंगलों और पहाड़ियों में नक्सलियों ने हथियार और विस्फोटकों का जखीरा छुपा रखा है। इसी सूचना के आधार पर वनग्राम हुसिपी और आसपास के इलाके में सर्च अभियान चलाया गया। इस ऑपरेशन में पुलिस को भारी मात्रा में नक्सलियों का छिपाया हुआ सामान मिला, जो सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था।
क्या-क्या बरामद हुआ नक्सली डंप से?
सुरक्षा बलों को जंगल में स्थित एक पुराने नक्सली कैंप से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक मिले। पुलिस ने वहां से निम्नलिखित सामग्री बरामद की—
हथियार और गोलियां:
- दो देशी कार्बाइन
- एक देशी पिस्तौल
- एक बोल्ट एक्शन राइफल
- 303 राउंड की 13 गोलियां
- 7.62 एमएम राउंड की 8 गोलियां
- 7.62 एसएलआर पिस्टन रॉड 1
विस्फोटक सामग्री:
- दो केन IED बम (10 किलो)
- 29 डेटोनेटर ट्यूब
- 5 कार्डेक्स वायर बंडल
- 95 स्पाइक रॉड
अन्य बरामदगी:
- तीन वॉकी-टॉकी
- छह पीस नक्सली वर्दी
- नक्सली बैनर
- कैंप में इस्तेमाल होने वाला दैनिक उपयोग का सामान
इतिहास में भी रहा है यह इलाका संवेदनशील
झारखंड का सारंडा और कोल्हान क्षेत्र नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है। 2000 के दशक में यह इलाका उग्रवादियों का प्रमुख ठिकाना था। 2011 में ‘ऑपरेशन सारंडा’ के तहत पहली बार सुरक्षा बलों ने यहां बड़े पैमाने पर अभियान चलाया था। इसके बावजूद, नक्सलियों ने फिर से इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की। लेकिन हाल के अभियानों से यह साफ हो गया है कि सुरक्षा बल अब किसी भी तरह की नक्सली साजिश को सफल नहीं होने देंगे।
अभियान से क्या संकेत मिलते हैं?
इस बार की बरामदगी से यह स्पष्ट है कि नक्सली संगठन इस क्षेत्र में फिर से सक्रिय होने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता ने उनकी मंशा पर पानी फेर दिया। लगातार चल रहे अभियानों से न केवल नक्सल प्रभाव कम हुआ है, बल्कि स्थानीय लोगों में भी सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास बढ़ा है।
क्या होगा आगे?
सुरक्षा बलों की ओर से स्पष्ट संकेत दिया गया है कि इस अभियान को और तेज किया जाएगा। ग्रामीणों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी देने के लिए कहा गया है।
Chaibasa Naxal Encounter के तहत किया गया यह सर्च ऑपरेशन सुरक्षा एजेंसियों की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। इस अभियान में मिली भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक यह दर्शाते हैं कि नक्सली संगठन बड़ी साजिश रच रहे थे। लेकिन समय रहते सुरक्षा बलों ने उनकी योजना विफल कर दी। आने वाले दिनों में इस तरह के अभियानों को और मजबूती दी जाएगी ताकि इस क्षेत्र को पूरी तरह से नक्सलमुक्त किया जा सके।
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