Jamshedpur Exam: मनरेगा भर्ती परीक्षा में कदाचार रोकने के लिए उठाए गए सख्त कदम! जानिए पूरी डिटेल
जमशेदपुर में मनरेगा भर्ती परीक्षा के कदाचार मुक्त संचालन के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए। SDO शताब्दी मजूमदार ने परीक्षा केंद्र का निरीक्षण कर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जानिए पूरी खबर!

झारखंड में सरकारी नौकरियों को लेकर युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है। खासतौर पर मनरेगा जैसी योजनाओं में रोजगार की तलाश कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह सुनहरा मौका होता है। लेकिन सरकारी परीक्षाओं में बढ़ते कदाचार और पेपर लीक जैसी घटनाओं के कारण प्रशासन अब पूरी तरह सख्त हो गया है। इसी के मद्देनजर जमशेदपुर के साकची स्थित ग्रेजुएट कॉलेज में आयोजित मनरेगा भर्ती परीक्षा को कदाचार मुक्त बनाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है।
SDO ने संभाला मोर्चा, परीक्षा केंद्र का लिया जायजा
मनरेगा के अंतर्गत बीपीओ और लेखा सहायक पदों पर संविदा आधारित नियुक्ति के लिए यह परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो, इसके लिए धालभूम (जमशेदपुर) के अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) शताब्दी मजूमदार ने परीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने परीक्षा केंद्र पर मौजूद मूलभूत सुविधाओं, सुरक्षा इंतजामों और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की व्यवस्था को बारीकी से परखा।
सख्त निर्देश: मोबाइल, स्मार्ट वॉच और हेडफोन पर पाबंदी
SDO ने केंद्राधीक्षकों और परीक्षा कार्य में लगे अधिकारियों को निर्देश दिया कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी परीक्षार्थी को मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच, हेडफोन या अन्य प्रतिबंधित उपकरण परीक्षा कक्ष में ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। परीक्षा शुरू होने से पहले छात्रों की सख्त चेकिंग की जाएगी ताकि कोई भी अनुचित साधनों का उपयोग न कर सके।
सरकारी परीक्षाओं में बढ़ता कदाचार: क्यों जरूरी हैं ये कदम?
पिछले कुछ वर्षों में सरकारी परीक्षाओं में कदाचार की घटनाएं बढ़ी हैं। देशभर में कई महत्वपूर्ण परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने की खबरें भी सामने आई हैं, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ता है। बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पेपर लीक और फर्जीवाड़े के मामले सामने आने के बाद झारखंड सरकार ने भी परीक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए कड़े कदम उठाने शुरू किए हैं।
कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद
मनरेगा भर्ती परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। परीक्षा केंद्र में सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। परीक्षार्थियों को सख्त चेकिंग के बाद ही परीक्षा कक्ष में प्रवेश दिया गया। साथ ही, अधिकारियों और शिक्षकों को निर्देश दिया गया कि परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर तुरंत प्रशासन को सूचित करें।
छात्रों को निष्पक्ष परीक्षा की उम्मीद
सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा सबसे जरूरी होती है। प्रशासन के इस सख्त रुख से परीक्षार्थियों को उम्मीद है कि परीक्षा पूरी निष्पक्षता से संपन्न होगी और योग्य उम्मीदवारों को ही नौकरी मिलेगी। SDO शताब्दी मजूमदार ने भी आश्वासन दिया है कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की धांधली या नकल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सरकारी परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रशासन लगातार नए कदम उठा रहा है। जमशेदपुर में आयोजित मनरेगा भर्ती परीक्षा के दौरान भी प्रशासन की सख्ती देखने को मिली। यह कदम उन छात्रों के लिए राहत भरा है जो बिना किसी गड़बड़ी के परीक्षा देना चाहते हैं और अपने मेहनत के दम पर सरकारी नौकरी हासिल करना चाहते हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में झारखंड सरकार परीक्षाओं में निष्पक्षता और सुरक्षा को लेकर और क्या कदम उठाती है।
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