Jamshedpur Decision: 500 मीट्रिक टन गोदाम को लेकर हुआ बड़ा फैसला, जानें कौन सा लैम्पस हुआ चयनित?

जमशेदपुर में 500 मीट्रिक टन गोदाम निर्माण को लेकर बड़ा फैसला! जानें किन लैम्पसों का हुआ चयन और किसानों को कैसे मिलेगा लाभ? पूरी जानकारी पढ़ें।

Mar 10, 2025 - 16:23
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Jamshedpur Decision: 500 मीट्रिक टन गोदाम को लेकर हुआ बड़ा फैसला, जानें कौन सा लैम्पस हुआ चयनित?
Jamshedpur Decision: 500 मीट्रिक टन गोदाम को लेकर हुआ बड़ा फैसला, जानें कौन सा लैम्पस हुआ चयनित?

जमशेदपुर में 500 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम निर्माण को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय चयन समिति की बैठक में इस परियोजना को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी शामिल हुए। आखिर किन लैम्पसों को मिला यह अवसर और क्या है इस योजना का मकसद? आइए, जानते हैं इस महत्वपूर्ण फैसले की पूरी कहानी।

क्या है 500 मीट्रिक टन गोदाम योजना?

झारखंड सरकार ने सहकारी समितियों के अंतर्गत लैम्पस (Large Area Multi-Purpose Societies - LAMPS) के माध्यम से आधुनिक गोदामों के निर्माण की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज को सुरक्षित रखने की सुविधा देना है ताकि वे अपनी फसल को सही समय पर उचित दाम में बेच सकें। इस योजना के तहत वर्ष 2023-24 में 500 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम बनाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके लिए अब चयनित लैम्पसों की घोषणा कर दी गई है।

कहां बनेंगे नए गोदाम?

बैठक में जिला सहकारिता पदाधिकारी आशा टोप्पो ने बताया कि 500 मीट्रिक टन गोदाम निर्माण के लिए पहले 7 लैम्पसों को प्रस्तावित किया गया था, लेकिन कुछ स्थानों पर भूमि विवाद की समस्या आ गई। विशेष रूप से केरुकोचा लैम्पस (प्रखंड चाकुलिया) और पोटका लैम्पस (प्रखंड पोटका) में भूमि को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ, जिससे इनके स्थान पर नए लैम्पसों का चयन किया गया।

अब पोटका लैम्पस के स्थान पर दक्षिणी हलुदबनी लैम्पस (प्रखंड गोलमुरी-सह-जुगसलाई) को चयनित किया गया है, जबकि केरुकोचा लैम्पस के लिए नया भूमि विवरणी प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा, एक अन्य स्थान जयपुरा लैम्पस (प्रखंड बहरागोड़ा) को भी इस परियोजना के लिए प्रस्तावित किया गया है।

क्यों खास है यह योजना?

  • किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा – इस गोदाम योजना के तहत किसानों को अपनी उपज को अधिक समय तक सुरक्षित रखने का अवसर मिलेगा, जिससे वे फसल को बाजार में सही मूल्य पर बेच सकेंगे।
  • सहकारी समितियों को मजबूती – लैम्पस के माध्यम से संचालित इस योजना से सहकारी समितियों की भूमिका और प्रभावशीलता बढ़ेगी।
  • भंडारण क्षमता में बढ़ोतरी – जिले में अब किसानों के लिए 500 मीट्रिक टन क्षमता के बड़े गोदाम उपलब्ध होंगे, जिससे उन्हें अपनी उपज भंडारण करने की अतिरिक्त सुविधा मिलेगी।
  • आर्थिक सशक्तिकरण – सही भंडारण सुविधा के अभाव में किसानों को मजबूरी में अपनी फसल सस्ते दामों में बेचना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें इस समस्या से राहत मिलेगी।

झारखंड में सहकारी समितियों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

झारखंड में लैम्पस प्रणाली 1960 के दशक में शुरू हुई थी, जब सरकार ने छोटे किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सहकारी समितियों को बढ़ावा दिया। समय के साथ, इन समितियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई, खासकर किसानों को सस्ती खाद, बीज और कृषि उपकरण उपलब्ध कराने में। अब, आधुनिक गोदामों का निर्माण इन समितियों की क्षमता को और बढ़ाएगा और राज्य में कृषि भंडारण प्रणाली को नया स्वरूप देगा।

बैठक में कौन-कौन रहे मौजूद?

बैठक में उपायुक्त अनन्य मित्तल, उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान, जिला सहकारिता पदाधिकारी आशा टोप्पो, जिला कृषि पदाधिकारी विवेक बिरूआ, जिला अंकेक्षण पदाधिकारी, सहायक निबंधक सहकारी समितियां सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

क्या होगा आगे?

अब अगले चरण में निर्देशालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा, जिसके बाद निर्माण प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। सरकार की योजना है कि इन गोदामों को आधुनिक तकनीकों से लैस किया जाए ताकि किसानों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

झारखंड में किसानों के लिए 500 मीट्रिक टन गोदाम योजना एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। इस फैसले से कृषि क्षेत्र में सुधार होगा और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी। अब देखना यह होगा कि निर्माण कार्य कितनी तेजी से आगे बढ़ता है और इससे किसानों को कब तक लाभ मिलना शुरू होगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।