Baharagora Attack: तालाब जाने निकला युवक, जंगली हाथी ने सड़क पर कर दिया हमला!
बहरागोड़ा के बेनासोली गांव में एक युवक पर जंगली हाथी ने अचानक हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हाथी ने युवक के दोनों पैरों को कुचल दिया। जानिए पूरा मामला और क्यों ग्रामीणों में हाथियों का खौफ बढ़ता जा रहा है।
बहरागोड़ा प्रखंड के सांड्रा पंचायत के बेनासोली गांव में शनिवार की शाम एक भयावह घटना घटी। तालाब में नहाने के लिए निकले भोदोर कर्मकार नामक युवक पर एक जंगली हाथी ने अचानक हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
यह घटना गांव के पास सड़क पर हुई, जब युवक तालाब की ओर जा रहा था। जैसे ही उसने सड़क पार की, झाड़ियों से अचानक एक हाथी निकला और उस पर हमला कर दिया। हाथी ने युवक के दोनों पैरों को बुरी तरह कुचल दिया और फिर वहां से चला गया।
कैसे हुआ हमला?
स्थानीय लोगों के अनुसार, भोदोर कर्मकार शाम के समय अपने घर से निकला था। तालाब ज्यादा दूर नहीं था, लेकिन जैसे ही उसने सड़क पार करने की कोशिश की, झाड़ियों से एक जंगली हाथी तेजी से बाहर आया और उसने सीधे युवक को पटक दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में पिछले कुछ महीनों से जंगली हाथियों का आतंक बढ़ गया है। हालांकि, किसी को यह अंदाजा नहीं था कि हाथी सीधे गांव के पास सड़क पर हमला कर देगा।
गांववालों ने कैसे बचाया घायल युवक?
हमले के बाद घायल युवक बुरी तरह से तड़प रहा था। हाथी के जाने के बाद, ग्रामीणों ने उसे खाट पर उठाया और घर लाए। इसके बाद एक निजी वाहन की मदद से उसे पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है। डॉक्टरों के मुताबिक, उसकी हालत स्थिर बनी हुई है, लेकिन उसके पैरों में गंभीर चोटें आई हैं।
ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग मौन!
इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथी लगातार उनके खेतों और घरों के पास घूमते रहते हैं, जिससे सभी डरे हुए हैं।
बेनासोली गांव के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया,
"यह पहली बार नहीं हुआ है। हमारे गांव में कई बार हाथी फसलों को बर्बाद कर चुके हैं। अब वे लोगों पर भी हमला करने लगे हैं। सरकार को जल्द कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।"
क्या कहती है हाथियों की बढ़ती समस्या की वजह?
झारखंड और पश्चिम बंगाल के जंगलों में जंगली हाथियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जंगल कटाई और मानव अतिक्रमण के कारण हाथियों के प्राकृतिक आवास कम हो रहे हैं, जिससे वे गांवों और कस्बों की ओर बढ़ने लगे हैं।
वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में झारखंड और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में हाथियों के हमले में कई लोग घायल हो चुके हैं और फसलें बर्बाद हुई हैं।
वन विभाग कब करेगा कार्रवाई?
स्थानीय लोगों ने वन विभाग से बार-बार गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों को जंगल में वापस भेजने और उनकी निगरानी के लिए प्रशासन को जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए।
क्या हो सकते हैं समाधान?
विशेषज्ञों का कहना है कि हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष को कम करने के लिए कुछ विशेष कदम उठाने होंगे:
गांवों के पास हाथियों के प्रवेश को रोकने के लिए बैरियर लगाने होंगे।
वन विभाग को ट्रैकिंग सिस्टम से हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखनी होगी।
ग्रामीणों को जागरूक करना होगा कि ऐसे हमलों से कैसे बचा जाए।
बहरागोड़ा के बेनासोली गांव में जंगली हाथी के हमले ने एक बार फिर मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को उजागर कर दिया है। जब तक वन विभाग ठोस कदम नहीं उठाएगा, ऐसे हमले जारी रह सकते हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले और सुरक्षा के उपाय करे।
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