Jharkhand Operation: झारखंड में 498 एकड़ अवैध अफीम की खेती नष्ट, ड्रोन से चल रहा ऑपरेशन!

झारखंड पुलिस ने सरायकेला-खरसावां जिले में अब तक 498 एकड़ अवैध अफीम की खेती को नष्ट कर दिया। ड्रोन कैमरे की मदद से पुलिस अवैध खेती की निगरानी कर रही है। जानिए कैसे अफीम की खेती पर पुलिस ने कसा शिकंजा।

Feb 8, 2025 - 20:56
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Jharkhand Operation: झारखंड में 498 एकड़ अवैध अफीम की खेती नष्ट, ड्रोन से चल रहा ऑपरेशन!
Jharkhand Operation: झारखंड में 498 एकड़ अवैध अफीम की खेती नष्ट, ड्रोन से चल रहा ऑपरेशन!

झारखंड में अवैध अफीम की खेती पर पुलिस का सबसे बड़ा ऑपरेशन जारी है। जिले के एसपी मुकेश कुमार लुनायत के नेतृत्व में शनिवार को खरसावां, कुचाई और दलभंगा ओपी क्षेत्र में पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से करीब 19 एकड़ अफीम की खेती को नष्ट कर दिया।

इस दौरान ड्रोन कैमरों की मदद से पुलिस ने अवैध खेती की पहचान की, जिसके बाद पुलिस टीम ने खेतों में पहुंचकर फसल को पूरी तरह से नष्ट किया।

कैसे पकड़ी गई अफीम की खेती?

शनिवार को पुलिस ने ड्रोन सर्विलांस और खुफिया इनपुट के आधार पर तीन अलग-अलग थाना क्षेत्रों में छापेमारी की।
कुचाई थाना क्षेत्र के जोड़ा सारजोम में 3 एकड़ में फैली अफीम की फसल नष्ट की गई और एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
ईचागढ़ थाना क्षेत्र के सालुकडीह गांव में 1 एकड़ में अवैध अफीम की खेती नष्ट की गई।
दलभंगा ओपी क्षेत्र के सियाडीह टोला, नवाडीह में 10 एकड़ की फसल पूरी तरह नष्ट कर दी गई। यहां से 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
दलभंगा ओपी क्षेत्र के बांधडीह गांव में ग्रामीणों ने 5 एकड़ अवैध अफीम की फसल खुद नष्ट कर दी।

अब तक जिले में 498 एकड़ जमीन से अवैध अफीम की खेती हटाई जा चुकी है, जो पूरे राज्य में सबसे बड़ा अभियान बन चुका है।

झारखंड में अफीम की खेती का इतिहास

झारखंड के सरायकेला-खरसावां, चाईबासा और खूंटी जिलों में अवैध अफीम की खेती लंबे समय से एक गंभीर समस्या बनी हुई है। यहां उगाई जाने वाली अफीम का अंतरराष्ट्रीय तस्करी गिरोहों से संबंध होता है।

1990 के दशक में यह खेती सीमित क्षेत्रों तक थी, लेकिन 2005 के बाद से यह संगठित अपराध का हिस्सा बन गई। पुलिस ने कई बार इस पर कार्रवाई की, लेकिन हाई-प्रोफाइल तस्करों की संलिप्तता के कारण इसे पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सका।

ग्रामीणों को पुलिस का अल्टीमेटम

एसपी मुकेश कुमार लुनायत ने कहा कि झारखंड पुलिस महानिदेशक के निर्देशानुसार 15 फरवरी तक पूरे राज्य को अफीम की खेती से मुक्त करना है।

उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे खुद अपनी जमीन से अवैध अफीम की खेती खत्म करें, वरना उन पर कानूनी कार्रवाई होगी।

इसके साथ ही थाना प्रभारियों को भी निर्देश दिया गया कि अगर उनके क्षेत्र में दोबारा अफीम की खेती पकड़ी गई, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

कैसे होती है अफीम की तस्करी?

झारखंड में अवैध अफीम की खेती को माफिया नियंत्रित करता है।

  • अफीम की कटाई के बाद इसे बिहार और बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में भेजा जाता है।
  • वहां से यह नेपाल और म्यांमार के रास्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचती है।
  • अफीम का उपयोग हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थ बनाने में किया जाता है।

अभियान में पुलिस को मिली अब तक की सबसे बड़ी सफलता

झारखंड में चल रहे इस अभियान में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है

  • सरायकेला-खरसावां जिले में अनुमानित 550 एकड़ में अफीम की खेती थी, जिसमें से 498 एकड़ नष्ट की जा चुकी है।
  • यह झारखंड पुलिस का अब तक का सबसे बड़ा एंटी-ड्रग ऑपरेशन माना जा रहा है।

वन विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई

इस बार पुलिस के साथ वन विभाग भी इस अभियान में शामिल हुआ है, ताकि जंगलों में छिपी अवैध खेती को भी खत्म किया जा सके।

वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा,
"अवैध अफीम की खेती न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाती है। हमें इसे जड़ से खत्म करना होगा।"

क्या कहते हैं ग्रामीण?

ग्रामीणों का कहना है कि माफिया दबाव डालकर उनसे अवैध खेती करवाते हैं। एक ग्रामीण ने बताया,
"हम जानते हैं कि यह गलत है, लेकिन अगर हम खेती नहीं करते, तो माफिया हमें धमकी देता है। अब पुलिस ने सख्त कदम उठाया है, तो हम इसे खत्म करने को तैयार हैं।"

अगले कदम क्या होंगे?

एसपी मुकेश कुमार लुनायत ने साफ कर दिया है कि झारखंड को पूरी तरह से अवैध अफीम की खेती से मुक्त किया जाएगा।
ड्रोन सर्विलांस और बढ़ाया जाएगा।
ग्रामीणों के लिए कृषि योजनाओं के तहत वैकल्पिक फसल उगाने के लिए सहायता दी जाएगी।
अवैध खेती करने वालों पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई होगी।

झारखंड पुलिस और प्रशासन का यह अभियान राज्य में अवैध अफीम की खेती के खिलाफ सबसे बड़ा कदम है।

  • अब तक 498 एकड़ फसल नष्ट की जा चुकी है।
  • 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
  • 15 फरवरी तक पूरा राज्य अफीम मुक्त हो सकता है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या पुलिस इस अभियान को पूरी तरह सफल बना पाएगी, या माफिया फिर से इसे दोबारा शुरू कर देगा?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।