Saraikela Protest: शिक्षा विभाग में हड़कंप, झामुमो ने खोला मोर्चा, डीईओ बर्खास्त करने की मांग!
सरायकेला-खरसावां जिला शिक्षा पदाधिकारी संतोष गुप्ता के खिलाफ झामुमो ने मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार और तानाशाही रवैये को लेकर पार्टी ने डीईओ को बर्खास्त करने की मांग की है। जानिए पूरा मामला।

सरायकेला-खरसावां जिले में शिक्षा विभाग को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) संतोष गुप्ता के कथित तानाशाही रवैये और शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पूर्व झामुमो जिला उपाध्यक्ष भोला महांती ने डीईओ को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो पार्टी बड़े आंदोलन की तैयारी करेगी।
शिक्षकों के खिलाफ तानाशाही, झामुमो ने दी आंदोलन की चेतावनी
शुक्रवार को एनआर प्लस टू उच्च विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका अंबिका प्रधान के साथ हुए एक विवाद के बाद मामला और गंभीर हो गया। झामुमो नेताओं ने डीईओ पर शिक्षकों को परेशान करने, भ्रष्टाचार में लिप्त होने और उन्हें अवैध कार्यों के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।
भोला महांती ने कहा,
"जिले के शिक्षकों की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। डीईओ की तानाशाही हद से पार हो गई है। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को भी इसकी जानकारी दी जा चुकी है।"
क्या है पूरा मामला?
शुक्रवार को डीईओ संतोष गुप्ता एनआर गवर्नमेंट सीएम एक्सीलेंस उच्च विद्यालय पहुंचे। उन्होंने प्रधानाचार्य अंबिका प्रधान से शिक्षकों की सेवा पुस्तिका (सर्विस बुक) पर बैकडेट में हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया।
लेकिन प्रधानाचार्य ने कहा कि बिना सरकारी आदेश के वे ऐसा नहीं कर सकतीं। इसके बाद डीईओ ने उन्हें पद मुक्त करने की धमकी दी।
इस पूरी घटना से अंबिका प्रधान इतनी आहत हुईं कि वे अचानक बेहोश हो गईं। वहां मौजूद शिक्षकों ने पानी छिड़ककर उन्हें होश में लाया।
झामुमो नेताओं ने क्या कहा?
झामुमो नेता उमेश भोला ने कहा,
"डीईओ खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और शिक्षकों को भी इसमें घसीटना चाहते हैं। अगर वे तुरंत बर्खास्त नहीं किए गए, तो हम आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।"
शंभू आचार्य ने कहा,
"शिक्षक समाज का सम्मानित वर्ग है। डीईओ ने अंबिका प्रधान के साथ दुर्व्यवहार कर पूरे शिक्षा जगत की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।"
डीईओ पर पहले भी लगे हैं आरोप
डीईओ संतोष गुप्ता इससे पहले हजारीबाग में पदस्थापित थे और वहां भी उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे।
सूत्रों के अनुसार, उन्होंने वहां बिना किसी दस्तावेज के शिक्षकों की नियुक्ति और तबादले किए थे। अब सरायकेला में भी उन पर मनमानी करने और शिक्षकों पर दबाव बनाने के आरोप लग रहे हैं।
शिक्षकों में आक्रोश, डीईओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग
शिक्षकों का कहना है कि डीईओ का रवैया बेहद अपमानजनक है।
वे शिक्षकों को अवैध आदेश मानने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
जो उनका विरोध करता है, उसे डराया-धमकाया जाता है।
शिक्षकों ने डीईओ को हटाने की लिखित शिकायत उपायुक्त को दी है।
सरकार क्या करेगी?
झारखंड सरकार ने इस मामले पर संज्ञान लिया है।
मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पूरी रिपोर्ट भेजी गई है।
उपायुक्त ने भी जांच के आदेश दिए हैं।
अगर आरोप सही पाए गए तो डीईओ पर कार्रवाई हो सकती है।
क्या होगा आगे?
झामुमो ने साफ कर दिया है कि अगर डीईओ को हटाया नहीं गया तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
अगले कुछ दिनों में यह मामला और गरमाने की संभावना है। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार डीईओ के खिलाफ क्या कदम उठाती है।
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