Jamshedpur Tragedy: नशे की लत ने छीना परिवार, अब खत्म की जिंदगी

जमशेदपुर के गाढ़ाबासा में नशे की लत से परेशान सुरेंद्र सिंह ने फांसी लगाकर दी जान। पत्नी पहले ही छोड़ चुकी थी। जानिए इस दर्दनाक घटना की पूरी कहानी।

Nov 27, 2024 - 09:50
 0
Jamshedpur Tragedy: नशे की लत ने छीना परिवार, अब खत्म की जिंदगी
Jamshedpur Tragedy: नशे की लत ने छीना परिवार, अब खत्म की जिंदगी

जमशेदपुर। नशे की लत सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे परिवार को तबाह कर देती है। गोलमुरी के गाढ़ाबासा इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। 40 वर्षीय सुरेंद्र सिंह ने मंगलवार को अपनी जिंदगी खत्म कर ली। पत्नी के मायके जाने और मां से रुपये न मिलने के कारण वह इतना दुखी हुआ कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

सुरेंद्र की इस दर्दनाक कहानी ने नशे के जाल में फंसे परिवारों की स्थिति को उजागर कर दिया है।

क्या हुआ था उस दिन?

सुरेंद्र सिंह, जो नशे की लत का शिकार था, मंगलवार को अपनी मां से पैसे मांग रहा था। लेकिन मां ने उसे साफ मना कर दिया। गुस्से में आकर सुरेंद्र ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। दोपहर में जब मां उसे खाना खाने बुलाने गईं, तो उन्होंने उसे फांसी पर झूलते हुए पाया

परिवार ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंचकर गोलमुरी पुलिस ने शव को फंदे से उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

नशे ने छीना सबकुछ

सुरेंद्र सिंह के पिता चरण सिंह ने बताया कि नशे की वजह से उनका बेटा न तो कोई काम करता था और न ही परिवार का ध्यान रखता था। शादी के महज दो साल बाद ही उसकी पत्नी ने उसे छोड़ दिया और मायके चली गई।

चरण सिंह कहते हैं, "हमने बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन नशे की लत ने उसे हमसे दूर कर दिया। अब वह हमारे बीच नहीं है।"

इतिहास में भी छिपा है नशे का काला सच

भारत में नशे की समस्या कोई नई बात नहीं है। पंजाब, मणिपुर, और झारखंड जैसे राज्यों में ड्रग एडिक्शन ने हजारों युवाओं की जिंदगियां बर्बाद कर दी हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट बताती है कि नशे की वजह से हर साल हजारों आत्महत्या के मामले सामने आते हैं

झारखंड में भी, विशेष रूप से औद्योगिक शहरों जैसे जमशेदपुर में, बेरोजगारी और नशे के कारण पारिवारिक ताने-बाने बिखर रहे हैं। सुरेंद्र की कहानी इन्हीं समस्याओं का एक उदाहरण है।

नशे का बढ़ता असर और प्रशासन की नाकामी

झारखंड में ड्रग्स और अल्कोहल एडिक्शन तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

गोलमुरी क्षेत्र के कई युवा भी नशे की चपेट में हैं। समाजसेवियों और विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को पुनर्वास केंद्रों और जागरूकता अभियानों पर ध्यान देना चाहिए।

क्या हो सकता है समाधान?

  1. पारिवारिक सपोर्ट सिस्टम: नशे की गिरफ्त में आए लोगों को परिवार का समर्थन और सही काउंसलिंग मिलनी चाहिए।
  2. सरकारी पहल: जागरूकता अभियानों के जरिए लोगों को नशे के नुकसान के बारे में बताया जाना चाहिए।
  3. रोजगार के अवसर: बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार सृजन से नशे के मामलों को कम किया जा सकता है।

क्या आप भी किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं?

अगर आपके आसपास कोई व्यक्ति नशे की लत का शिकार है, तो उसे मदद पहुंचाने की कोशिश करें। पुनर्वास केंद्र और काउंसलिंग सेवाएं उनकी जिंदगी को एक नई दिशा दे सकती हैं।

आपका क्या मानना है? इस घटना पर अपनी राय जरूर साझा करें।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow