Jamshedpur Protest: बाउंड्री वॉल ने छीनी 20 घरों की सड़क, गुस्से में फूटा जेम्को का जनसैलाब!
जमशेदपुर के टेल्को जेम्को क्षेत्र में बाउंड्री वॉल के निर्माण को लेकर हंगामा मच गया है। 20 परिवारों का रास्ता बंद होने से नाराज़ लोगों ने उपायुक्त और टाटा स्टील लैंड डिपार्टमेंट को सौंपा ज्ञापन। जानिए क्यों उठ खड़े हुए जेम्को के लोग।

जमशेदपुर, जिसे कभी “टाटा नगर” के नाम से जाना जाता था, वहां के नागरिक आज भी विकास के नाम पर उठाए जा रहे एकतरफा कदमों के खिलाफ आवाज उठाने को मजबूर हैं। टेल्को के जेम्को क्षेत्र में मंगलवार को स्थानीय निवासियों ने उपायुक्त और टाटा स्टील लैंड डिपार्टमेंट को ज्ञापन सौंपकर बाउंड्री वॉल के निर्माण पर जमकर विरोध जताया।
मामला है गुरुद्वारा रोड से मिश्रा बागान को जोड़ने वाले नवनिर्मित रास्ते का। वहां सड़क के दूसरे छोर पर एक बाउंड्री वॉल बनाई जा रही है, जिससे करीब 20 घरों के पीछे की एकमात्र निकासी पूरी तरह से बंद हो जाएगी।
क्या है विवाद की जड़?
स्थानीय निवासी करनदीप सिंह और अन्य लोगों के मुताबिक, टाटा स्टील द्वारा इस नए रास्ते के साथ एक नाले का निर्माण तो किया जा रहा है, जो जरूरी भी था। लेकिन उसी के साथ एक अनावश्यक बाउंड्री वॉल बनाई जा रही है, जिससे 20 घरों के लोग बाहर निकल ही नहीं पाएंगे।
उनका कहना है कि सड़क सभी के लिए बनी है, लेकिन केवल कुछ परिवारों को इसका इस्तेमाल करने से रोकना सीधा अन्याय है।
नए रास्ते की पुरानी कहानी
जेम्को क्षेत्र वर्षों से सड़क और नाले जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग कर रहा था। हाल ही में टाटा स्टील लैंड डिपार्टमेंट ने वहां गुरुद्वारा रोड से मिश्रा बागान तक नई सड़क बनाने की पहल की। यह फैसला शुरुआत में पूरे क्षेत्र के लिए उम्मीद की किरण बना।
लेकिन जैसे ही लोगों ने देखा कि सड़क के किनारे एक ऊँची बाउंड्री वॉल खड़ी की जा रही है, जो उनके पीछे के रास्ते को पूरी तरह से बंद कर देगी, तब विरोध शुरू हो गया।
“हमारे साथ भेदभाव क्यों?”
स्थानीय निवासी सवाल कर रहे हैं कि जब पूरी बस्ती नई सड़क का इस्तेमाल कर सकती है, तो सिर्फ 20 परिवारों को ही इससे वंचित क्यों किया जा रहा है?
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रशासन को चाहिए कि वह सभी नागरिकों की सुविधा का ख्याल रखते हुए बाउंड्री वॉल के निर्माण को तुरंत रोक दे और पूरे इलाके की प्लानिंग को पुनर्विचार के तहत लाया जाए।
मौके पर कौन-कौन थे?
इस ज्ञापन को सौंपने के दौरान रामचंद्र प्रसाद, संतोष सिंह, राजकिशोर प्रसाद, मुकेश कुमार, प्रियंका देवी, उमाशंकर, प्रीतम सिंह, सुमित प्रसाद, रासमुनी देवी, मंजू देवी, दिनेश सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।
इनका कहना था कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे और पूरे शहर को इस अन्याय से अवगत कराएंगे।
क्या बोले अधिकारी?
अभी तक टाटा स्टील लैंड डिपार्टमेंट या उपायुक्त की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने ज्ञापन प्राप्त कर मामले की जांच की बात जरूर कही है।
इतिहास भी गवाह है...
यह पहली बार नहीं है जब टाटा स्टील और स्थानीय बस्तियों के बीच भूमि विवाद हुआ हो। इससे पहले भी कदमा और सोनारी क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण और रास्ता बंद होने को लेकर विवाद उठ चुके हैं।
टाटा स्टील द्वारा विकास कार्यों के दौरान आम नागरिकों की सुविधाओं की अनदेखी अब धीरे-धीरे सामाजिक मुद्दा बनता जा रहा है।
अब आगे क्या?
सवाल यह है कि क्या टाटा स्टील इस बाउंड्री वॉल का निर्माण रोककर 20 घरों को राहत देगा या फिर ये दीवार एक ‘साइलेंट अत्याचार’ बनकर खड़ी रहेगी?
इस मुद्दे को लेकर जेम्को के लोग अब जाग चुके हैं। वे चाहते हैं कि विकास हो, लेकिन सबके लिए समान रूप से। क्योंकि सड़कें केवल ईंट और सीमेंट से नहीं बनतीं, वे बनती हैं आशा और अधिकार की ज़मीन पर।
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