Heart Palpitation : क्यों अचानक तेज धड़कने लगता है दिल? जानिए 5 देसी नुस्खे जो देंगे राहत
दिल की धड़कनें अचानक तेज होना सामान्य भी हो सकता है और खतरनाक भी। हार्ट पल्पिटेशन के कारण, लक्षण और 5 आसान देसी उपाय जानें, जो तुरंत धड़कनों को सामान्य करने में मदद करेंगे।

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में सबसे बड़ी चुनौती है – दिल को स्वस्थ रखना। काम का तनाव, अनियमित खानपान और बदलती लाइफस्टाइल ने दिल की धड़कनों को भी असामान्य कर दिया है। अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि अचानक दिल बहुत तेज़ धड़कने लगता है, मानो सीने में कुछ जोर से फड़फड़ा रहा हो। मेडिकल भाषा में इसे हार्ट पल्पिटेशन (Heart Palpitation) कहा जाता है।
कब है सामान्य और कब खतरनाक?
धड़कनों का तेज होना हमेशा बीमारी का संकेत नहीं है।
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व्यायाम करते समय
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तनावपूर्ण स्थिति में
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गर्भावस्था के दौरान
इन परिस्थितियों में दिल की गति का तेज होना सामान्य है। लेकिन अगर ये स्थिति बार-बार हो और इसके साथ पसीना आना, चक्कर आना, या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें तो यह दिल के दौरे या गंभीर हृदय रोग का संकेत भी हो सकता है।
धड़कनों के बेकाबू होने की वजहें
दिल की धड़कनें कई कारणों से बिगड़ सकती हैं:
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तनाव और चिंता (Stress & Anxiety) – आजकल का तनाव दिल की धड़कनों का सबसे बड़ा दुश्मन है।
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बुरी आदतें – शराब और सिगरेट का सेवन दिल की रफ्तार को बिगाड़ देता है।
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स्वास्थ्य समस्याएं – एनीमिया, थायराइड और ब्लड प्रेशर का असंतुलन धड़कनों को अनियमित बना सकते हैं।
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कैफीन और जंक फूड – कॉफी, पैकेज्ड ड्रिंक्स और शुगर से भरपूर पेय पदार्थ भी दिल की गति बढ़ाते हैं।
इतिहास से सीख: क्यों कहते हैं "दिल है तो ज़िंदगी है"?
भारत की आयुर्वेदिक परंपरा में दिल को “प्राणों का केंद्र” कहा गया है। प्राचीन ग्रंथों में अर्जुन की छाल को हृदय रोगों का रामबाण माना गया है। यही कारण है कि आज भी अर्जुन की छाल को “हृदय का अमृत” कहा जाता है। इतिहास गवाह है कि जब-जब लोग प्राकृतिक उपायों पर टिके रहे, दिल की बीमारियाँ कम हुईं।
धड़कनों को काबू में रखने के 5 आसान उपाय
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ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ (प्राणायाम का जादू)
जब भी दिल तेजी से धड़कने लगे, एक मिनट रुकें और गहरी सांस अंदर लेकर धीरे-धीरे बाहर छोड़ें। यह तुरंत नर्वस सिस्टम को शांत कर दिल की रफ्तार सामान्य करता है। -
ठंडे पानी की ‘शॉक थेरेपी’
चेहरे पर ठंडा पानी छिड़कना या ठंडा पानी पीना, शरीर के "डाइविंग रिफ्लेक्स" को एक्टिव करता है। इससे दिल की गति स्वतः धीमी होने लगती है। -
आयुर्वेदिक नुस्खे: तुलसी, शहद और अर्जुन की छाल
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सुबह तुलसी के पत्ते शहद के साथ खाने से दिल मजबूत होता है।
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अर्जुन की छाल का काढ़ा रोजाना पीना हृदय रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है।
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गिलोय और अश्वगंधा – तनाव के दुश्मन
गिलोय और अश्वगंधा तनाव कम करते हैं। जब तनाव घटता है, तो दिल की धड़कनें भी सामान्य रहती हैं। -
कैफीन और पैकेट बंद ड्रिंक्स से दूरी
कॉफी, चाय और डिब्बाबंद जूस धड़कनें बढ़ा सकते हैं। इनकी जगह ताजे फलों का रस और सादा पानी सबसे बेहतर विकल्प है।
कब डॉक्टर से करें संपर्क?
अगर धड़कनों का बढ़ना बार-बार हो और सामान्य उपाय से भी ठीक न हो, तो इसे हल्के में न लें। तुरंत किसी हृदय रोग विशेषज्ञ (Cardiologist) से परामर्श लें।
धड़कनों का तेज होना शरीर का एक अलार्म है। कभी यह सामान्य होता है, तो कभी गंभीर खतरे का संकेत। अगर आप ऊपर बताए 5 आसान उपाय अपनाते हैं, तो न सिर्फ धड़कनों को नियंत्रित कर सकते हैं बल्कि अपने दिल को लंबी उम्र तक स्वस्थ रख सकते हैं। याद रखें – दिल की धड़कनें ही ज़िंदगी की धड़कन हैं।
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