Giridih Arrest: घूस लेते पकड़ा गया JE, जानें एसीबी ने कैसे रचा जाल

गिरीडीह में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बिजली विभाग के JE और उसके सहयोगी को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जानिए पूरी कहानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की कार्रवाई।

Dec 19, 2024 - 09:46
Dec 19, 2024 - 11:40
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Giridih Arrest: घूस लेते पकड़ा गया JE, जानें एसीबी ने कैसे रचा जाल
Giridih Arrest: घूस लेते पकड़ा गया JE, जानें एसीबी ने कैसे रचा जाल

धनबाद की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बुधवार को गिरीडीह के बिजली विभाग के कनीय अभियंता (JE) दुर्गेशनंद सहाय और उनके सहयोगी उमेश कुमार यादव को 8000 रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। मामला राजधनवार विद्युत कार्यालय से जुड़ा है, जहां एक व्यवसायी ने बिजली कनेक्शन के लिए रिश्वत मांगे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी।

घटनाक्रम: कैसे हुआ खुलासा?

गिरीडीह के सिमराढाब निवासी संतोष कुमार साव ने अपने व्यवसाय के लिए बिजली का नया कनेक्शन (ट्रांसफॉर्मर सहित) लेने के लिए आवेदन किया था।

  • उन्होंने 88200 रुपये जमा किए, लेकिन इसके बावजूद कनेक्शन नहीं दिया गया।
  • जब संतोष ने JE दुर्गेशनंद सहाय से संपर्क किया, तो उन्होंने 10,000 रुपये अतिरिक्त देने की मांग की।
  • संतोष ने तुरंत एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को इसकी शिकायत कर दी।

एसीबी की रणनीति: कैसे हुई गिरफ्तारी?

संतोष साव की शिकायत के बाद एसीबी ने मामले की जांच शुरू की।

  • बुधवार दोपहर करीब तीन बजे एसीबी की टीम ने साईं कंप्यूटर एजेंसी के माध्यम से रिश्वत लेते हुए उमेश कुमार यादव को गिरफ्तार किया।
  • गिरफ्तार किए जाने के बाद उमेश ने पूरी घटना में JE दुर्गेशनंद सहाय की भूमिका उजागर की।
  • एसीबी ने तुरंत JE दुर्गेशनंद सहाय को भी धनवार-झारखंडधाम रोड पर अंबाटांड़ से गिरफ्तार कर लिया।

क्या है मामला?

संतोष कुमार साव ने बिजली के नए कनेक्शन के लिए आवेदन किया था।

  • JE ने 88200 रुपये जमा करवाए, लेकिन कनेक्शन देने में देरी की।
  • ट्रांसफॉर्मर लगने के बाद भी कनेक्शन चालू नहीं किया गया।
  • संतोष को कनेक्शन चालू कराने के लिए 10,000 रुपये की रिश्वत मांगी गई।

गिरफ्तारी के बाद क्या हुआ?

गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को धनवार थाना लाया गया।

  • JE दुर्गेशनंद सहाय और उमेश यादव को वहां से धनबाद ले जाया गया।
  • उमेश कुमार यादव धनवार थाना क्षेत्र के दरियाडीह खरियो का निवासी है।
  • अब एसीबी दोनों से पूछताछ कर रही है और आगे की जांच जारी है।

झारखंड में भ्रष्टाचार का इतिहास

झारखंड में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामले कोई नई बात नहीं हैं।

  • पिछले पांच सालों में: झारखंड में एसीबी ने 300 से ज्यादा मामलों में कार्रवाई की है।
  • बिजली विभाग, भूमि रजिस्ट्री कार्यालय और स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचार के मामले में सबसे आगे रहे हैं।

एसीबी की सख्ती से बढ़ी उम्मीदें

झारखंड सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए एसीबी को मजबूत बनाया है।

  • 2017: एसीबी ने पूरे राज्य में 50 से ज्यादा छापेमारी की थी।
  • गिरीडीह में यह ताजा मामला एसीबी की सक्रियता का प्रमाण है।

क्यों जरूरी है एसीबी की कार्रवाई?

  1. भ्रष्टाचार का खात्मा: सरकारी विभागों में पारदर्शिता बढ़ती है।
  2. जनता का विश्वास: आम लोगों में न्याय और ईमानदारी का विश्वास मजबूत होता है।
  3. राज्य की छवि: भ्रष्टाचार मुक्त झारखंड निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकता है।

आखिरी शब्द:

गिरीडीह का यह मामला साबित करता है कि झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी है।

  • एसीबी की यह कार्रवाई न सिर्फ एक भ्रष्टाचार के मामले को उजागर करती है, बल्कि उन सभी भ्रष्ट अधिकारियों के लिए चेतावनी भी है जो रिश्वत को अपना अधिकार समझते हैं।
  • राज्य की जनता को भी जागरूक होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

झारखंडवासियों, भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए हमें एसीबी का साथ देना होगा।

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