Giridih Attack: हाथियों का आतंक जारी, किसानों की फसलें तबाह, जानें पूरी कहानी

गिरीडीह में हाथियों का तीन दिनों से आतंक, किसानों की धान, गेहूं, और आलू की फसल को किया बर्बाद। जानें, वन विभाग का क्या है अगला कदम और किसानों को कैसे मिलेगा मुआवजा।

Dec 19, 2024 - 09:37
 0
Giridih Attack: हाथियों का आतंक जारी, किसानों की फसलें तबाह, जानें पूरी कहानी
Giridih Attack: हाथियों का आतंक जारी, किसानों की फसलें तबाह, जानें पूरी कहानी

गिरीडीह जिले के बिरनी प्रखंड में पिछले तीन दिनों से हाथियों का आतंक जारी है। 32 जंगली हाथियों का झुंड स्थानीय किसानों की फसलों को तबाह कर चुका है। हालांकि, ग्रामीणों और वन विभाग की तत्परता से इन हाथियों को गांवों में घुसने से रोका गया, लेकिन फसलें उनकी क्रूरता का शिकार हो गईं।

हाथियों का आतंक: कैसे हुआ सबकुछ?

हाथियों का झुंड बीते मंगलवार की देर शाम सरिया जंगल से निकलकर बिरनी प्रखंड के बाराडीह पंचायत के निमासिंघा और ताराटांड़ क्षेत्रों में प्रवेश कर गया।

  • ग्रामीण पहले से सजग थे और हाथियों की हरकतों पर नजर रख रहे थे।
  • जैसे ही हाथी गांव की ओर बढ़े, वन विभाग और स्थानीय लोग मिलकर उन्हें चितनखारी और बेलना की ओर खदेड़ने में सफल रहे।
  • इसके बाद हाथियों को कड़ी मशक्कत के बाद झरखी जंगल में भेज दिया गया।

किसानों को भारी नुकसान

हाथियों के इस झुंड ने बलराम यादव, अशोक यादव, रामकिशुन यादव, और अन्य किसानों की धान, आलू और गेहूं की फसल रौंद दी।

  • कई खेत पूरी तरह बर्बाद हो गए।
  • आलू और धान की फसलें हाथियों का भोजन बन गईं।
  • प्रभावित किसानों के चेहरों पर मायूसी और चिंता साफ झलक रही है।

हाथियों से कैसे बचाया गांव?

वन विभाग और ग्रामीणों की रणनीति ने बड़ा नुकसान होने से बचा लिया।

  • आग जलाकर और तेज आवाजें करके हाथियों को गांव से दूर खदेड़ा गया।
  • वन विभाग के फोरेस्टर सागर विश्वकर्मा ने कहा कि हाथियों के साथ उनके बच्चे भी हैं, जिससे उन्हें ज्यादा छेड़छाड़ करना खतरनाक हो सकता था।
  • हाथियों को उग्र होने से बचाने के लिए विशेष सतर्कता बरती गई।

झारखंड में मानव-हाथी संघर्ष का इतिहास

झारखंड के जंगलों में रहने वाले हाथी अक्सर फसलों और गांवों को नुकसान पहुंचाते रहे हैं।

  • 2010 से 2020: राज्य में मानव-हाथी संघर्ष के सैकड़ों मामले सामने आए।
  • हाथियों के इस व्यवहार के पीछे जंगलों की घटती संख्या और भोजन की कमी एक बड़ी वजह मानी जाती है।
  • गिरीडीह, धनबाद, और पश्चिमी सिंहभूम के ग्रामीण इलाके इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

किसानों को मिलेगा मुआवजा

वन विभाग के फोरेस्टर सागर विश्वकर्मा ने आश्वासन दिया है कि किसानों के नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

  • प्रभावित किसानों को वन विभाग की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।
  • उन्होंने कहा, "हाथियों को इलाके से सुरक्षित निकालने के लिए विशेष ड्राइव चलाया गया।"

ग्रामीणों और प्रशासन के प्रयासों की तारीफ

ग्रामीणों और वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से गांव को बड़े नुकसान से बचा लिया गया।

  • ग्रामीणों ने एकजुटता और साहस दिखाकर हाथियों को खदेड़ने में मदद की।
  • प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई करते हुए जंगलों की ओर हाथियों को वापस भेजा।

हाथियों से कैसे बचाव करें?

  1. सजग रहें: हाथियों की गतिविधियों की जानकारी वन विभाग को तुरंत दें।
  2. शोर मचाएं: हाथियों को गांव से दूर रखने के लिए आग जलाएं और शोर मचाएं।
  3. खेतों की सुरक्षा: खेतों के चारों ओर खाई या बैरियर बनाएं।
  4. सहयोग करें: वन विभाग के निर्देशों का पालन करें।

गिरीडीह के ग्रामीण आज भी हाथियों के आतंक से परेशान हैं। हालांकि, वन विभाग के प्रयासों से कुछ हद तक राहत मिली है। ऐसे मामलों में प्रशासन और ग्रामीणों की सजगता ही बड़ी दुर्घटनाओं को रोक सकती है।

झारखंडवासियों, सतर्क रहें और वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व बनाएं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow