Jamshedpur Elephant: चाकुलिया में जंगली हाथी का आतंक, अनाज के गोदाम का शटर तोड़ा
चाकुलिया में जंगली हाथी ने एसएफसी गोदाम का शटर तोड़ अनाज खाया। जानिए क्यों बढ़ रहे हैं इंसान और हाथियों के बीच संघर्ष और क्या हो सकते हैं समाधान।
झारखंड के चाकुलिया में जंगली हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। सोमवार की सुबह एक जंगली हाथी ने नगर पंचायत कार्यालय से सटे एसएफसी (स्टेट फूड कॉर्पोरेशन) के गोदाम का शटर तोड़कर अनाज पर धावा बोल दिया। इस घटना से न केवल प्रशासन बल्कि स्थानीय निवासियों में भी दहशत का माहौल है।
कैसे हुआ यह हादसा?
जानकारी के अनुसार, हाथी ने भोर में हवाई पट्टी क्षेत्र से निकलकर नगर पंचायत कार्यालय के पास स्थित एसएफसी गोदाम का रुख किया। हाथी ने शटर तोड़कर गोदाम में प्रवेश किया और वहां रखे अनाज को खाने और बर्बाद करने का सिलसिला शुरू कर दिया। उसने एक बोरा चावल खाया और बाकी अनाज को इधर-उधर बिखेर दिया।
स्थानीय निवासियों में दहशत
घटना के बाद से हवाई पट्टी क्षेत्र से सटी बस्तियों, जैसे बीड़ी बस्ती, स्वर्णरेखा कॉलोनी, और नागानल कॉलोनी के ग्रामीण बेहद डरे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हाथी अक्सर इस इलाके में आते हैं और उनके उत्पात से जन-जीवन प्रभावित हो रहा है।
इतिहास में झांकें: झारखंड और हाथियों का रिश्ता
झारखंड राज्य अपने घने जंगलों और वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। खासतौर पर जंगली हाथी यहां के जंगलों का प्रमुख हिस्सा हैं। हालांकि, वनों के कम होने और इंसानी बसावट के बढ़ने से हाथियों के प्राकृतिक आवास प्रभावित हुए हैं। यही कारण है कि हाथी भोजन और पानी की तलाश में रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर रहे हैं।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब हाथियों ने इस तरह का उत्पात मचाया हो। चाकुलिया और आसपास के इलाकों में पहले भी जंगली हाथियों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने और घरों को तोड़ने की घटनाएं होती रही हैं।
स्थानीय प्रशासन का क्या है रुख?
एसएफसी गोदाम पर हुए हमले के बाद प्रशासन ने इलाके में गश्ती बढ़ा दी है। वन विभाग की टीम को निर्देश दिया गया है कि वह हाथी को जंगल की ओर खदेड़ने के उपाय करें। साथ ही, स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने और हाथियों के करीब न जाने की सलाह दी गई है।
ग्रामीणों की समस्याएं और मांगें
ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के आतंक के चलते उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है।
- मुख्य समस्याएं:
- फसल बर्बाद होना
- रिहायशी इलाकों में सुरक्षा की कमी
- बच्चों और बुजुर्गों के लिए बढ़ता खतरा
ग्रामीणों ने सरकार और वन विभाग से अपील की है कि हाथियों के लिए अलग से अभ्यारण्य क्षेत्र बनाया जाए, ताकि वे इंसानी बस्तियों में न आएं।
क्या हो सकता है समाधान?
- हाथियों के लिए सुरक्षित कॉरिडोर: वनों के बीच सुरक्षित कॉरिडोर बनाए जाएं ताकि हाथी बिना इंसानी क्षेत्रों में आए अपने रास्ते पर जा सकें।
- वन्यजीव प्रबंधन: जंगलों में जल और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
- ग्रामीणों को राहत: ग्रामीणों को फसल के नुकसान का मुआवजा दिया जाए और उनकी सुरक्षा के उपाय किए जाएं।
चाकुलिया में जंगली हाथियों का यह हमला मानव-वन्यजीव संघर्ष का एक और उदाहरण है। जहां एक ओर इंसानी बसावट जंगलों की ओर बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर वन्यजीवों का संघर्ष भी जारी है। जरूरत है कि प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें ताकि इंसानों और जानवरों के बीच संतुलन बना रहे।
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