Ghatshila Tiger Movement: जंगल में दिखा बाघ, वन विभाग की टीम ने बढ़ाई निगरानी

घाटशिला के बासाडेरा जंगल में बाघ की मौजूदगी ने ग्रामीणों को किया सतर्क। वन विभाग की टीम लगातार बाघ को ढूंढने में जुटी है। जानें पूरी जानकारी।

Jan 23, 2025 - 14:12
Jan 23, 2025 - 15:09
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Ghatshila Tiger Movement: जंगल में दिखा बाघ, वन विभाग की टीम ने बढ़ाई निगरानी
Ghatshila Tiger Movement: जंगल में दिखा बाघ, वन विभाग की टीम ने बढ़ाई निगरानी

घाटशिला। झारखंड के घाटशिला प्रखंड की कालचित्ति पंचायत के बासाडेरा जंगल में बाघ की मौजूदगी ने ग्रामीणों के बीच डर और उत्सुकता का माहौल पैदा कर दिया है। बुधवार को बाघ की लोकेशन बासाडेरा पहाड़ी में देखी गई थी, लेकिन बीते 24 घंटे में उसकी कोई हलचल सामने नहीं आई। वन विभाग की टीम बाघ को ट्रैक करने के लिए दिन-रात जुटी हुई है।

बाघ की हलचल और ग्रामीणों की दहशत

बासाडेरा और धारागिरी के जंगलों में बाघ के देखे जाने की खबर के बाद ग्रामीणों ने एहतियात बरतते हुए जंगल में लकड़ी लाने और दैनिक कार्यों से परहेज किया। हालांकि, बासाडेरा मिडिल स्कूल खुला रहा, और बच्चों की उपस्थिति सामान्य रही। वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को जंगल में जाने से मना कर दिया है और घरों में रहने के लिए अलर्ट जारी किया है।

वन विभाग की खोज अभियान

बाघ की लोकेशन का पता लगाने के लिए वन विभाग ने 20 कैमरे लगाए हैं। पानी के स्रोतों और अन्य संभावित स्थानों पर भी कैमरे लगाए गए हैं ताकि बाघ की तस्वीरें कैद की जा सकें। हालांकि, अब तक बाघ की कोई तस्वीर सामने नहीं आई है। बाघ की गति को लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वह एक दिन में 40 से 50 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकता है।

वन विभाग के रेंजर विमल कुमार ने बताया कि उनकी टीम लगातार जंगल में गश्त कर रही है और बाघ को ढूंढ़ने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रही है। उनका कहना है, "ग्रामीणों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, और हम पूरी सतर्कता से काम कर रहे हैं।"

इतिहास में बाघों की स्थिति

झारखंड के जंगलों में बाघों की मौजूदगी हमेशा से चर्चा का विषय रही है। पिछले कुछ दशकों में बाघों की संख्या में गिरावट आई थी, लेकिन सरकार और वन विभाग के प्रयासों से यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी। घाटशिला जैसे इलाकों में बाघों का दिखना इस बात का संकेत है कि प्राकृतिक पर्यावरण फिर से बाघों के लिए अनुकूल हो रहा है।

ग्रामीण इलाकों में जागरूकता जरूरी

ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीवों की मौजूदगी से निपटने के लिए जागरूकता अभियान चलाना आवश्यक है। ग्रामीणों को यह समझने की जरूरत है कि बाघ जैसे जानवर आमतौर पर इंसानों पर हमला नहीं करते, जब तक उन्हें खतरा महसूस न हो। वन विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करना ही सबसे बेहतर उपाय है।

क्या करें अगर बाघ दिखे?

  1. बाघ को देखकर शांत रहें और उसे छेड़ने या डराने की कोशिश न करें।
  2. तुरंत वन विभाग को सूचित करें।
  3. जंगल या बाघ के संभावित इलाकों में अकेले न जाएं।
  4. समूह में रहते हुए सतर्क रहें और वन विभाग के निर्देशों का पालन करें।

बाघ की सुरक्षा के लिए कदम

बाघ जैसे वन्यजीव भारत की जैव विविधता का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन्हें सुरक्षित रखने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को एक साथ काम करना होगा। वन्यजीवों के लिए अनुकूल वातावरण बनाना और ग्रामीणों को इसके महत्व के बारे में शिक्षित करना जरूरी है।

घाटशिला के जंगलों में बाघ की मौजूदगी जहां वन्यजीव संरक्षण की सफलता का प्रतीक है, वहीं यह स्थानीय निवासियों के लिए सतर्कता का संकेत भी है। बाघ को नुकसान पहुंचाए बिना उसकी लोकेशन ट्रैक करना और ग्रामीणों को सुरक्षित रखना वन विभाग की प्राथमिकता है।

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