Elephant Attack: चाकुलिया ब्लॉक में हाथी के हमले से वृद्ध महिला गंभीर रूप से घायल, ग्रामीणों में दहशत!
चाकुलिया ब्लॉक के रघुनाथपुर गांव में हाथी के हमले में एक वृद्ध महिला घायल, इलाज के लिए सीएचसी भेजा गया। जानें क्या हुआ और क्यों भयभीत हैं ग्रामीण!
चाकुलिया,10 जनवरी 2025: झारखंड के चाकुलिया प्रखंड में एक वृद्ध महिला सालगे मुर्मू हाथी के हमले का शिकार हो गईं। यह घटना रघुनाथपुर गांव के जंगल क्षेत्र में हुई, जब एक हाथी अचानक सड़क पर आ गया और महिला को गंभीर रूप से घायल कर दिया। महिला को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वन विभाग ने तत्काल सहायता प्रदान की है।
घटना की सटीक जानकारी:
शुक्रवार की दोपहर सालगे मुर्मू स्नान करने के बाद अपने घर लौट रही थीं, तभी वह जंगल के पास पहुंचीं। उस समय जंगल से एक हाथी का झुंड सड़क की ओर आ गया और एक हाथी ने महिला को सड़क किनारे पटका। इस हमले में महिला गंभीर रूप से घायल हो गईं। ग्रामीणों के अनुसार, हाथी ने महिला को पहले अपनी जड़ों से पटक दिया, जिससे वह बेहोश हो गईं। घटना के बाद परिजनों ने घायल महिला को शीघ्र ही वाहन से सीएचसी (Community Health Center) पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने इलाज शुरू किया।
वन विभाग की त्वरित कार्यवाही:
घटना की सूचना मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने तत्परता से कार्रवाई की। वनपाल कल्याण महतो ने घटना स्थल का दौरा किया और सीएचसी पहुंचकर महिला के इलाज के लिए 5000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की। यह राशि तत्काल महिला के इलाज में इस्तेमाल की जाएगी। वन विभाग ने यह भी कहा कि हाथियों के झुंड का रुझान बढ़ने से गांव में भय का माहौल बन गया है। विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए गांव में तैनात सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई है।
ग्रामीणों में बढ़ी हुई चिंता:
ग्रामीणों के अनुसार, रघुनाथपुर के जंगल में हाथियों का झुंड अक्सर आता-जाता रहता है, लेकिन इस बार हाथी ने सड़क पर उतरकर अप्रत्याशित हमला किया। गांव में पहले कभी इस तरह की घटना नहीं हुई थी, जिसके कारण ग्रामीणों में अत्यधिक भय और चिंता का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल में हाथियों के लगातार विचरण से उनका जीवन खतरे में पड़ चुका है, और यदि जल्दी ही कोई उपाय नहीं किया गया तो यह घटनाएं बढ़ सकती हैं।
वन्यजीवों के खतरे के संदर्भ में:
हाथियों का झुंड मानव बस्तियों के पास आने की समस्या झारखंड के कई हिस्सों में पहले भी देखी जा चुकी है। हाथी आमतौर पर अपने प्राकृतिक निवास स्थानों से बाहर आकर खेती की भूमि, घरों और मानवों के नजदीक विचरण करते हैं, जिससे कई बार मनुष्य और जानवरों के बीच संघर्ष उत्पन्न हो जाता है। इस समस्या को सुलझाने के लिए वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को लगातार सावधानियों और नियंत्रण उपायों की योजना बनानी चाहिए, ताकि ऐसे हादसे कम से कम हों।
क्या कदम उठाए जाएंगे?
इस घटना के बाद वन विभाग ने एक उच्च स्तरीय टीम का गठन किया है, जो आगे आने वाले दिनों में रघुनाथपुर और आसपास के गांवों में हाथियों के झुंड को नियंत्रित करने के लिए कार्य करेगा। साथ ही, ग्रामीणों को सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। वन्यजीव संरक्षण और मानव-मुलायमता के बीच संतुलन बनाने के लिए इस प्रकार की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाएगा।
यह घटना हमें यह सिखाती है कि वन्यजीवों के साथ मानव संघर्ष दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं, और इसका समाधान केवल वन विभाग की मुस्तैदी और गांववासियों की जागरूकता में छिपा है। हालांकि वन विभाग द्वारा राहत कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं, लेकिन अब यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम इन संकटों का सामना करने के लिए एकजुट होकर उपाय करें। हाथियों जैसे वन्यजीवों के लिए सुरक्षित मार्ग बनाने और मानव जीवन को खतरे से बचाने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।
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