Giridih School Violation : सरकारी आदेश की अवहेलना, कड़ाके की ठंड में खुले निजी विद्यालय

गिरिडीह में सरकारी आदेशों की अनदेखी, कड़ाके की ठंड में खुले निजी विद्यालय। प्रशासन ने चेतावनी दी। जानें पूरा मामला।

Jan 8, 2025 - 09:33
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Giridih  School Violation : सरकारी आदेश की अवहेलना, कड़ाके की ठंड में खुले निजी विद्यालय
Giridih School Violation : सरकारी आदेश की अवहेलना, कड़ाके की ठंड में खुले निजी विद्यालय

गिरिडीह: प्रदेश में कड़ाके की ठंड और मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार ने 6 से 13 जनवरी तक सभी निजी और सरकारी स्कूलों में शीतकालीन अवकाश घोषित किया था। लेकिन सरिया प्रखंड के कई निजी विद्यालयों ने इस आदेश को ठेंगा दिखाते हुए स्कूल खुले रखे।

सरकारी आदेशों की अनदेखी सरिया प्रखंड क्षेत्र के कई स्कूलों में प्रशासनिक निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। नगर पंचायत से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में निजी स्कूल संचालक बच्चों को स्कूल बुला रहे हैं। नतीजतन, विद्यार्थी कड़ाके की ठंड में स्कूल जाने को मजबूर हैं, जबकि मौसम विभाग ने घने कोहरे और ठंड के चलते अलर्ट जारी किया हुआ है।

इतिहास में भी रहे हैं ऐसे मामले इससे पहले भी कई बार सरकारी आदेशों की अवहेलना के मामले सामने आए हैं। खासकर ठंड और लू के दौरान बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई बार आदेश जारी हुए हैं, लेकिन उन पर अमल नहीं हो पाता। वर्ष 2019 में भी इसी तरह की घटनाएं हुई थीं, जब कई जिलों में स्कूल खुले पाए गए थे और प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़े थे।

प्रशासन की चेतावनी बीइइओ (प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी) अशोक कुमार ने मंगलवार को क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने पाया कि कुछ निजी विद्यालयों ने अवकाश आदेश का उल्लंघन किया है। पूछताछ पर स्कूल प्रशासन ने सफाई दी कि सूचना देने में देरी हो गई थी, इसलिए स्कूल खुले थे।

बीइइओ ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा, "बुधवार से 13 जनवरी तक सभी विद्यालयों को पूर्णतः बंद रखना होगा। यदि आगे आदेशों का उल्लंघन किया गया तो संबंधित विद्यालयों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी ठंड में बच्चों को स्कूल बुलाना उनकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। बच्चों में निमोनिया, सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। घने कोहरे के कारण सड़क हादसों का खतरा भी बना हुआ है, जो विद्यार्थियों की सुरक्षा को और खतरे में डालता है।

क्या कहते हैं अभिभावक? अभिभावकों ने भी स्कूल प्रबंधन के इस रवैये पर नाराजगी जताई है। एक अभिभावक ने कहा, "सरकार बच्चों की सुरक्षा के लिए आदेश जारी करती है, लेकिन स्कूल प्रबंधन सिर्फ फीस के लिए बच्चों को बुला रहा है। यह सरासर लापरवाही है।"

कानूनी कार्रवाई संभव शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार, यदि कोई स्कूल सरकारी आदेश का उल्लंघन करता है तो उनके खिलाफ शिक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसमें स्कूल की मान्यता रद्द करना और आर्थिक दंड शामिल है।

सरिया प्रखंड में सरकारी आदेशों की अनदेखी कर निजी विद्यालयों का खुले रहना बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। प्रशासन को चाहिए कि इस पर कड़ी कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।