India Commentary: सिर्फ बल्ले से नहीं, अब आवाज़ से मचाई धूम – जानिए आकाश चोपड़ा की कमाई, पढ़ाई और क्रिकेट सफर
आकाश चोपड़ा ने क्रिकेट छोड़कर कमेंट्री में जो कमाल किया है, वो हर किसी के बस की बात नहीं। जानिए उनकी सैलरी, पढ़ाई और दिलचस्प करियर की पूरी कहानी।

भारत के क्रिकेट इतिहास में कई सितारे आए और गए, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने खेल से संन्यास लेने के बाद भी दर्शकों के दिलों में अपनी एक खास जगह बनाई। उन्हीं में से एक हैं आकाश चोपड़ा। भले ही उन्होंने टीम इंडिया के लिए सिर्फ 10 टेस्ट मैच खेले हों, लेकिन आज उनकी आवाज़ हर क्रिकेट फैन की पहचान बन चुकी है।
आज जब आप आईपीएल या किसी बड़े टूर्नामेंट में हिंदी कमेंट्री सुनते हैं, तो आकाश चोपड़ा की चुटीली बातें और तकनीकी विश्लेषण दर्शकों को बांध कर रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कमेंट्री के पीछे कितनी बड़ी कहानी और कितनी मोटी कमाई छुपी है?
कमेंट्री से करोड़ों की कमाई!
जी हां, क्रिकेट छोड़ने के बाद आकाश चोपड़ा ने जिस फुर्ती से कमेंट्री की दुनिया में कदम रखा, वो काबिल-ए-तारीफ है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उन्हें एक सीरीज की कमेंट्री के लिए 30 से 40 लाख रुपये तक मिलते हैं। वहीं, एक सीजन की कुल कमेंट्री फीस 3 से 5 करोड़ रुपये तक बताई जाती है।
इतना ही नहीं, वे YouTube पर भी एक्टिव हैं जहां उनके चैनल पर लाखों सब्सक्राइबर्स हैं। क्रिकेट की गहराई, विश्लेषण और भविष्यवाणियों से भरे उनके वीडियो युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं। इसके अलावा, उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं जो क्रिकेट प्रेमियों को एक नया नजरिया देती हैं।
आखिर कौन हैं आकाश चोपड़ा?
19 सितंबर 1977 को आगरा में जन्मे आकाश चोपड़ा की परवरिश दिल्ली में हुई। शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के एक प्रतिष्ठित स्कूल से करने के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। स्कूल के दिनों से ही क्रिकेट के प्रति उनका झुकाव साफ दिखता था। उन्होंने दिल्ली अंडर-19 टीम से खेल की शुरुआत की और फिर धीरे-धीरे भारत की टेस्ट टीम तक पहुंचे।
क्रिकेट में क्या था खास?
आकाश चोपड़ा को 2003 में भारत की टेस्ट टीम में शामिल किया गया, और उन्होंने वीरेंद्र सहवाग के साथ ओपनिंग जोड़ी बनाई। वे एक तकनीकी बल्लेबाज थे, जिनकी स्टाइल बहुत क्लासिक मानी जाती थी। हालांकि, उनका इंटरनेशनल करियर लंबा नहीं चला, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्होंने शानदार रिकॉर्ड बनाए।
संन्यास के बाद उन्होंने टीवी की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे हिंदी कमेंट्री के पर्याय बन गए। आज वे न सिर्फ एक चर्चित कमेंटेटर हैं, बल्कि एक क्रिकेट विश्लेषक, लेखक और कंटेंट क्रिएटर के रूप में भी अपनी पहचान बना चुके हैं।
BCCI से मिलती है पेंशन भी
एक पूर्व भारतीय खिलाड़ी होने के नाते उन्हें BCCI की तरफ से नियमित पेंशन भी दी जाती है, जो उनके स्थायी आय स्रोतों में से एक है।
क्या आपने कभी सोचा था कि एक क्रिकेटर माइक से भी लाखों कमा सकता है?
आकाश चोपड़ा की कहानी सिर्फ क्रिकेट खेलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि जुनून और भाषा की समझ हो तो माइक भी आपके लिए उसी तरह चमक सकता है जैसे कभी बल्ला चमका करता था।
क्या आप आकाश की कमेंट्री पसंद करते हैं? कौन सी उनकी लाइन आपको सबसे यादगार लगती है? कमेंट में जरूर बताएं!
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