चांडिल: झारखंड के चांडिल अनुमंडल में अवैध खनन पर शिकंजा कसने के लिए प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। शुक्रवार को जिला खनन पदाधिकारी (DMO) ज्योति कुमार सत्पथी के नेतृत्व में शहरबेड़ा और गौरी घाट में छापेमारी अभियान चलाया गया। इस दौरान खनन विभाग ने अवैध बालू लदे दो ट्रैक्टर और बालू के अवैध भंडार को पकड़ा।
गौरी घाट पर अवैध बालू उत्खनन में लगी पांच डोंगियों को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। इस अभियान में चांडिल थाना, सीओ, और कपाली ओपी की पुलिस टीम ने हिस्सा लिया।
शहरबेड़ा: अवैध भंडारण का खुलासा
शहरबेड़ा में खनन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने संयुक्त अभियान चलाते हुए:
- अवैध बालू लदे दो ट्रैक्टर पकड़े।
- बालू का अवैध भंडारण जब्त किया।
- स्थानीय स्तर पर सक्रिय बालू माफिया की गतिविधियों पर रोक लगाने की चेतावनी दी।
गौरी घाट: डोंगियों का अंत
गौरी घाट, जो अवैध खनन का हॉटस्पॉट बन चुका है, पर छापेमारी के दौरान खनन विभाग ने:
- बालू उत्खनन में लगी पांच डोंगियां बरामद कीं।
- इन्हें मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।
- अभियान में कपाली ओपी प्रभारी सोनू कुमार ने विशेष भूमिका निभाई।
खनन विभाग का बड़ा कदम
जिला खनन पदाधिकारी ज्योति कुमार सत्पथी ने कहा कि यह अभियान अवैध खनन के खिलाफ प्रशासन की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है।
- अवैध खनन झारखंड की नदियों और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है।
- इस अभियान का उद्देश्य बालू माफिया पर नकेल कसना और सरकारी राजस्व को सुरक्षित करना है।
अवैध खनन का इतिहास और खतरा
झारखंड में अवैध खनन की समस्या नई नहीं है।
- स्वर्णरेखा नदी और उसकी सहायक नदियां बालू माफिया के मुख्य केंद्र बने हुए हैं।
- अवैध खनन न केवल नदियों के पर्यावरणीय संतुलन को बिगाड़ रहा है, बल्कि सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान भी हो रहा है।
- स्थानीय ग्रामीणों के लिए यह गतिविधियां उनके जल स्रोतों को खतरे में डाल रही हैं।
स्थानीय प्रशासन का संदेश
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि:
- यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
- स्थानीय पुलिस और प्रशासन संयुक्त प्रयास से माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त करेंगे।
- बालू माफिया के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
ग्रामीणों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि:
- अवैध खनन के कारण नदियों का जलस्तर गिर रहा है।
- माफिया के डर से स्थानीय लोग अपने अधिकारों की बात नहीं कर पाते।
- इस अभियान से उन्हें राहत और सुरक्षा का अहसास हो रहा है।
क्या हो सकता है समाधान?
अवैध खनन पर पूर्ण रोक लगाने के लिए प्रशासन को:
- नदियों की डिजिटल निगरानी करनी चाहिए।
- स्थानीय ग्रामीणों को अवैध गतिविधियों की रिपोर्टिंग में शामिल करना होगा।
- सख्त कानूनी दंड और जुर्माने का प्रावधान लागू करना चाहिए।