Jamshedpur Mining: बिरसानगर में स्वर्णरेखा नदी के किनारे अवैध बालू खनन पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, तीन ट्रक जब्त

जमशेदपुर के बिरसानगर में स्वर्णरेखा नदी से अवैध बालू खनन पर पुलिस का शिकंजा। छापेमारी में तीन ट्रक जब्त, मालिकों पर कार्रवाई की तैयारी।

Dec 13, 2024 - 19:01
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Jamshedpur Mining: बिरसानगर में स्वर्णरेखा नदी के किनारे अवैध बालू खनन पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, तीन ट्रक जब्त
Jamshedpur Mining: बिरसानगर में स्वर्णरेखा नदी के किनारे अवैध बालू खनन पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, तीन ट्रक जब्त

जमशेदपुर: बिरसानगर थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन का कारोबार इन दिनों खुलेआम फल-फूल रहा है। स्वर्णरेखा नदी के तट पर जारी इस अवैध खनन के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। मोहरदा जलापूर्ति क्षेत्र के पास बालू से लदे तीन 407 ट्रकों को जब्त किया गया है।

पुलिस के पहुंचते ही अवैध खनन में शामिल ट्रक चालक और मजदूर मौके से फरार हो गए। अब पुलिस जब्त ट्रकों के मालिकों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

शिकायतों के बाद पुलिस ने की छापेमारी

स्वर्णरेखा नदी से अवैध बालू खनन की शिकायतें लगातार आ रही थीं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस अवैध गतिविधि पर रोक लगाने की मांग की थी।

  • पुलिस ने विशेष छापेमारी अभियान चलाया।
  • मौके पर बालू से लदे तीन ट्रक पकड़े गए।
  • पुलिस ने जब्त ट्रकों को बिरसानगर थाना परिसर में खड़ा कर दिया है।

पुलिस के अनुसार, इस अवैध धंधे के पीछे संगठित बालू माफिया का हाथ हो सकता है।

अवैध खनन का असर: पर्यावरण से लेकर अर्थव्यवस्था तक

अवैध बालू खनन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि सरकार को भारी राजस्व नुकसान भी हो रहा है।

  1. नदी का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है।
  2. आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट का खतरा बढ़ रहा है।
  3. सरकारी खनन लाइसेंस और प्रक्रियाओं की अनदेखी हो रही है।

स्वर्णरेखा नदी, जो झारखंड के लाखों लोगों के लिए जल और आजीविका का प्रमुख स्रोत है, अब अवैध खनन माफिया के निशाने पर है।

इतिहास में स्वर्णरेखा नदी की महत्ता

स्वर्णरेखा नदी का नाम इसकी सोने जैसी चमकदार रेत के कारण पड़ा।

  • यह नदी झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तीन राज्यों से होकर गुजरती है।
  • इतिहास में यह नदी स्थानीय सिंचाई और जलापूर्ति का मुख्य आधार रही है।
  • आज यह अवैध खनन के कारण अपनी प्राकृतिक सुंदरता और उपयोगिता खो रही है।

पुलिस की सख्ती और अगला कदम

बिरसानगर पुलिस अब जब्त ट्रकों के मालिकों और इस धंधे में शामिल लोगों की पहचान में जुट गई है।

  • ट्रक नंबर और कागजातों की जांच की जा रही है।
  • जल्द ही बालू माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  • प्रशासन अब इस क्षेत्र में ड्रोन और तकनीकी निगरानी बढ़ाने की योजना बना रहा है।

स्थानीय लोगों का क्या है कहना?

स्थानीय निवासी प्रशासन से और सख्ती की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि:

  • पुलिस की छापेमारी के बाद भी बालू माफिया दोबारा सक्रिय हो जाते हैं।
  • अवैध खनन से न केवल पर्यावरण बल्कि उनके जीवन पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।

क्या हो सकता है समाधान?

अवैध खनन पर पूर्ण रोक के लिए:

  1. स्थानीय प्रशासन को नियमित निरीक्षण करना होगा।
  2. डिजिटल ट्रैकिंग और ड्रोन की मदद से खनन क्षेत्रों की निगरानी बढ़ानी होगी।
  3. जनता को अवैध खनन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना होगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।