UASAID Funding 2025: यूएसएआईडी फंडिंग मामले में भारत ने अमेरिका को दिया करारा जवाब, कहा आंतरिम मामलों में दखल ठीक नहीं
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यूएसएआइडी फंडिंग मामले में हम ट्रंप के बयान का विरोध करते है। वे हमारे चुनावी मामले में दखल ना दें। यूएसआईडी के मतदान में हस्तक्षेप की जांच हो रही है।

यूएसएआईडी फंडिंग : यूएसएआईडी फंडिंग मामले में अमेरिका और भारत एक बार फिर आमने - सामने आ गए है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय चुनाव में अनुदान के संबंध में दिए गए बयान के बाद भारत ने अमेरिका को खूब खरी खोटी सुनाई। शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान ने कहा कि हमें अमेरिका प्रशासन द्वारा यूएस गतिविधियों और फंडिंग के बारे ने बताया था। यह बेहद परेशान करने वाली बात है। भारत के अंतरिम और चुनावी मामलों में अमेरिकी दखल चिंताजनक है। हम इसकी जांच कर रहे है। जिसमें सभी चीजें साफ हो जाएंगी। ट्रंप ने कहा था कि भारत के चुनाव में वोटर टर्नओवर बढ़ाने के लिए UASAID ने 21 मिलियन डॉलर दिए थे।
भारत ने अमेरिका को लताड़ा
अमेरिका की सत्ता में जब से डोनाल्ड ट्रंप आए है। उन्होंने दुनियाभर में अपने फैसलों और बयानों से हड़कंप मचा रखा है। चीन से लेकर रूस, यूक्रेन, कतर, जॉर्डन, जैसे देशों पर कई बयान दे चुके है। वहीं उन्होंने भारत को लेकर भी बड़ा आरोप लगाया है। जिसका भारत ने बखूबी जवाब भी दिया है। कुछ दिन पहले ट्रंप ने कहा था कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत के 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी को हराने के लिए एक बड़ी रकम खर्च की थी। उन्होंने कहा था भारत के चुनाव में वोटर टर्नओवर बढ़ाने के लिए UASAID ने 21 मिलियन डॉलर दिए थे। जबकि हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे है। उनके पास बहुत पैसा है। जिसके बाद भारत में विपक्षी दल ने सरकार पर खूब सवाल खड़े किए। इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि इससे संबंधित विभाग और अधिकारी अमेरिकी गतिविधियों वा वित्तपोषण संबंध में अमेरिका ने जो जानकारी दी है। हम निष्पक्ष उसकी जांच कर रहे हैं। ये आरोप बहुत परेशान करने वाले हैं। किसी दूसरे देश का भारत के निजी चुनावों में दखल देना गंभीर मामला है।
भारत के अलावा इन देशों पर भी पड़ा असर
आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत दुनिया के कई देशों के अनुदान में कटौती कर बड़ा झटका दिया था। उद्योगपति एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी विभाग डीओजीई ने व्यय में कटौती का एलान किया। जिसमें भारत को दी जाने वाली अनुदान राशि भी शामिल है। अमेरिका ने भारत के अलावा सर्बिया (1.4 करोड़ डॉलर) मोजांबिक (1 करोड़ डॉलर) बांग्लादेश ( 2.9 करोड़ डॉलर ) नेपाल (3.9 करोड़ डॉलर) प्राग देश (7.20 करोड़ डॉलर) कंबोडिया (23 लाख डॉलर ) शामिल है।
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