Jamshedpur Mango Murder: रोहित दीक्षित समेत पांच गिरफ्तार, पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा!
मानगो पुलिस ने संतोष सिंह हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया है। मास्टरमाइंड रोहित दीक्षित समेत पांच अपराधी गिरफ्तार। 2014 की हत्या से जुड़ा बदला, हथियार बरामद और पुलिस का बड़ा खुलासा। जानिए पूरी कहानी!
मानगो हत्याकांड का पर्दाफाश: बदला, साजिश और गिरफ्तारी की पूरी कहानी
रोहित दीक्षित समेत पांच गिरफ्तार, पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा!
जमशेदपुर, मानगो: मानगो पुलिस ने आखिरकार संतोष सिंह हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है। 19 जनवरी को मुंशी मोहल्ला, गुरुद्वारा रोड पर हुई इस हत्या का मास्टरमाइंड रोहित दीक्षित निकला, जिसे पुलिस ने चार अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। यह हत्या कोई आम अपराध नहीं था, बल्कि सालों पुरानी दुश्मनी और बदले की आग से जन्मी एक साजिश थी।
इस हत्याकांड का पर्दाफाश एसएसपी किशोर कौशल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया, जिसमें उन्होंने बताया कि इस हत्याकांड को पुरानी रंजिश के चलते अंजाम दिया गया। पुलिस ने इस मामले में रोहित दीक्षित, शुभम कुमार, विमल गोप, विवेक कुमार तिवारी और अंकित शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से एक देसी कट्टा, एक पिस्टल, 315 बोर का कारतूस और हत्या में इस्तेमाल की गई स्कूटी बरामद हुई है।
क्यों हुई हत्या? 2014 से जुड़े हैं तार!
पुलिस की जांच में यह सामने आया कि रोहित दीक्षित के पिता डब्बू दीक्षित की हत्या 2014 में कर दी गई थी। तभी से रोहित अपने पिता की मौत का बदला लेने की फिराक में था। यही नहीं, इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए रोहित को रौनक सिंह नाम के व्यक्ति ने आर्थिक सहायता दी थी।
गौरतलब है कि रौनक सिंह के पिता की भी हत्या 2009 में हुई थी, और उसने रोहित दीक्षित को बदला लेने के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट दिया। इसके अलावा, रौनक सिंह ने हत्या की रेकी करने में भी मदद की।
पुलिस के अनुसार, रोहित दीक्षित ने अपने पिता की हत्या के आरोपी को खत्म करने के लिए इस खौफनाक साजिश को अंजाम दिया।
कौन-कौन गिरफ्तार हुआ?
पुलिस ने इस हत्याकांड में अब तक कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें शामिल हैं:
- रोहित दीक्षित (मुख्य साजिशकर्ता)
- शुभम कुमार (राजेंद्र नगर, ओलीडीह)
- विमल गोप (छाया नगर, सीतारामडेरा)
- विवेक कुमार तिवारी (गुरुद्वारा रोड, मानगो)
- अंकित शर्मा (गुरुद्वारा रोड, मानगो)
- रौनक सिंह (साजिश में शामिल)
- निखिल सिंह (गिरफ्तार)
पुलिस ने बताया कि इस हत्याकांड में अभी भी कुछ और लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान जारी है।
पुलिस ने क्या-क्या बरामद किया?
पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल आरोपियों से घातक हथियार और अन्य सबूत बरामद किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
1 देसी कट्टा
1 पिस्टल
315 बोर का कारतूस
घटना में इस्तेमाल की गई स्कूटी
एसएसपी किशोर कौशल ने कहा कि जल्द ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जाएगी और इस मामले में पूरी साजिश का खुलासा होगा।
हत्या और बदले की कड़ियां! इतिहास में झांकें तो...
बदले की भावना से होने वाली हत्याएं भारत में कोई नई बात नहीं हैं। कई हाई-प्रोफाइल मामलों में यह देखने को मिला है कि पारिवारिक रंजिश दशकों तक चलती है और कई पीढ़ियों तक इसका असर रहता है।
2014: डब्बू दीक्षित की हत्या हुई, जिससे रोहित के मन में बदले की आग जलने लगी।
2009: रौनक सिंह के पिता की हत्या हुई, जिससे उसने रोहित का साथ दिया।
2024: सालों बाद बदले की भावना से संतोष सिंह की हत्या कर दी गई।
यह घटना दर्शाती है कि बदले की भावना कैसे इंसान को अपराध की दुनिया में धकेल देती है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आगामी कदम
पुलिस ने तेजी से जांच करते हुए हत्यारों को पकड़ लिया, लेकिन यह अभी अंत नहीं है। एसएसपी के अनुसार, इस मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, और पुलिस जल्द ही नए नामों का खुलासा करेगी।
इसके अलावा, यह मामला हमें एक महत्वपूर्ण सबक भी देता है कि अपराध कभी भी स्थायी समाधान नहीं होता, बल्कि यह नई समस्याओं को जन्म देता है।
संतोष सिंह हत्याकांड महज़ एक हत्या नहीं, बल्कि बदले, साजिश और अपराध की एक चौंकाने वाली कहानी है। रोहित दीक्षित और उसके साथियों ने पिता की मौत का बदला लेने के लिए हत्या की योजना बनाई, लेकिन अपराधियों को यह समझना चाहिए कि कानून से कोई नहीं बच सकता।
पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने इस जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश किया और सात अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया।
इस केस से एक बार फिर यह साबित हुआ कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून के लंबे हाथ उसे जरूर पकड़ लेंगे।
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