Bokaro Tragedy: सड़क हादसे में गई युवक की जान, मातम में डूबा पूरा गांव!
बोकारो के पेटरवार में सड़क हादसे में युवक की मौत, परिवार में मातम छाया। जानिए कैसे हुआ यह दर्दनाक हादसा और झारखंड में सड़क सुरक्षा की क्या स्थिति है?
झारखंड के बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड अंतर्गत बुंडू पंचायत के गागी केवट टोला में मातम पसरा हुआ है। 27 वर्षीय रिकी राज उर्फ गोलू की शनिवार रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में मौत हो गई। जब रविवार को मृतक का शव उसके पैतृक आवास लाया गया, तो पूरे गांव में गम का माहौल छा गया। मां मीना देवी, पिता गोपाल रजवार, पत्नी अंजू देवी और भाई विक्की राज शव देखते ही बेसुध हो गए। मां और पत्नी बार-बार बेहोश हो रही थीं।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, रिकी राज रामगढ़ की एक फाइनेंस कंपनी में काम करता था। शनिवार रात करीब 10 बजे वह अपने एक सहयोगी के साथ बाइक से रामगढ़ जा रहा था। जैसे ही वे गोला थाना क्षेत्र के भेड़ा नदी पुल के पास पहुंचे, किसी अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि रिकी राज की मौके पर ही मौत हो गई।
गांव में छाया मातम, हर आंख नम!
रविवार सुबह जब शव को पोस्टमार्टम के बाद घर लाया गया, तो गांव में कोहराम मच गया। मां मीना देवी और पत्नी अंजू देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। पूरा परिवार गहरे सदमे में था। गांव के लोग भी इस युवा की असमय मौत से स्तब्ध थे। हर कोई यह सोचकर दुखी था कि जो बेटा रोजी-रोटी कमाने के लिए निकला था, वह अब कभी वापस नहीं लौटेगा।
सड़क हादसों का दर्दनाक सच
भारत में हर साल करीब 1.5 लाख लोग सड़क हादसों में जान गंवा देते हैं। झारखंड जैसे राज्यों में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर लापरवाही से वाहन चलाने और सड़क सुरक्षा उपायों की कमी के कारण हादसे लगातार बढ़ रहे हैं।
बोकारो-रामगढ़ मार्ग पर पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इनसे बचाव के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए जा रहे। स्थानीय लोगों का कहना है कि भेड़ा नदी पुल के पास कई बार हादसे हो चुके हैं, लेकिन अब तक वहां कोई चेतावनी बोर्ड या स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं की गई है।
परिवार का क्या होगा आगे?
रिकी राज अपने परिवार के आर्थिक सहारे था। उसके अचानक चले जाने से घर की हालत खराब हो सकती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार को पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देनी चाहिए।
क्या करना चाहिए सड़क हादसों को रोकने के लिए?
- वाहनों की गति सीमा का पालन जरूरी है।
- सड़क किनारे स्ट्रीट लाइट और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं।
- ट्रैफिक पुलिस को संवेदनशील बनाकर पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए।
- दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान कर सुधार किया जाए।
शव का हुआ अंतिम संस्कार
दोपहर में स्थानीय श्मशान घाट पर पूरे रीति-रिवाजों के साथ रिकी राज का अंतिम संस्कार कर दिया गया। गांव के सैकड़ों लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और नम आंखों से उसे अंतिम विदाई दी।
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