Graduate College Jamshedpur NSS Camp: स्कूली बच्चों को सिखाया गुड टच-बैड टच, बुद्ध की पेंटिंग भेंट कर बढ़ाया जागरूकता का संदेश

ग्रेजुएट कॉलेज, जमशेदपुर के एनएसएस कैंप में बच्चों को ‘गुड टच-बैड टच’ की जानकारी दी गई। झारखंड के इतिहास पर क्विज, कॉपी-पेन वितरण और बुद्ध की पेंटिंग भेंट की गई। जानिए पूरा अपडेट!

Feb 3, 2025 - 14:58
Feb 3, 2025 - 15:05
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Graduate College Jamshedpur NSS Camp: स्कूली बच्चों को सिखाया गुड टच-बैड टच, बुद्ध की पेंटिंग भेंट कर बढ़ाया जागरूकता का संदेश
Graduate College Jamshedpur NSS Camp: स्कूली बच्चों को सिखाया गुड टच-बैड टच, बुद्ध की पेंटिंग भेंट कर बढ़ाया जागरूकता का संदेश

ग्रेजुएट कॉलेज, जमशेदपुर के एनएसएस यूनिट-1 द्वारा आयोजित सात दिवसीय शिविर के छठे दिन प्रधान टोला गांव, परसुडीह में स्कूली बच्चों को जागरूक करने के लिए विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान बच्चों को व्यक्तिगत स्वच्छता और ‘गुड टच-बैड टच’ की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। कार्यक्रम को दिलचस्प बनाने के लिए क्विज प्रतियोगिता भी रखी गई, जिसमें बच्चों को झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों और सांस्कृतिक धरोहरों से अवगत कराया गया

बच्चों के बीच कॉपी-पेन और टॉफी का वितरण

इस जागरूकता अभियान को और आकर्षक बनाने के लिए एनएसएस वॉलंटियर्स ने बच्चों को कॉपी, पेन, बिस्कुट और टॉफी वितरित की। इस दौरान बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला।

‘गुड टच-बैड टच’ को लेकर क्यों जरूरी है जागरूकता?

आज के समय में छोटे बच्चों को गुड टच और बैड टच के बीच का अंतर समझाना बेहद जरूरी हो गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल हजारों बच्चे असुरक्षित स्पर्श का शिकार होते हैं। लेकिन जागरूकता के अभाव में वे इसे पहचान नहीं पाते। इसी को ध्यान में रखते हुए एनएसएस टीम ने बच्चों को आसान भाषा और रोचक गतिविधियों के माध्यम से यह जरूरी ज्ञान दिया

झारखंड की समृद्ध विरासत से अवगत हुए बच्चे

कार्यक्रम में झारखंड के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को समझाने के लिए एक रोचक क्विज प्रतियोगिता भी कराई गई। बच्चों को यह बताया गया कि झारखंड न सिर्फ खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां टाना भगत आंदोलन, भगवान बिरसा मुंडा का संघर्ष और सरायकेला-खरसावां के छऊ नृत्य जैसी अनमोल धरोहरें भी हैं

खास पेंटिंग की गई भेंट

कार्यक्रम के दौरान एनएसएस वॉलंटियर कविता ने अपनी हाथों से बनाई बुद्ध की एक पेंटिंग स्कूल को भेंट की। यह पेंटिंग बुद्ध के शांति संदेश को दर्शाती है और बच्चों को नैतिक मूल्यों से जोड़ने का प्रयास है।

एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर का मार्गदर्शन

इस पूरे कार्यक्रम का संचालन एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर डॉक्टर निशा कोंगारी के नेतृत्व में किया गया। उन्होंने कहा कि एनएसएस का उद्देश्य समाज सेवा और जागरूकता फैलाना है। आने वाले दिनों में भी इस तरह के अभियानों को और प्रभावी बनाया जाएगा।

एनएसएस शिविर का उद्देश्य और महत्व

राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) की शुरुआत 1969 में महात्मा गांधी के जन्म शताब्दी वर्ष में की गई थी। इसका उद्देश्य युवाओं को समाज सेवा से जोड़ना और उनके व्यक्तित्व विकास में मदद करना है। ऐसे शिविरों के माध्यम से छात्र न सिर्फ सामाजिक कार्यों से जुड़ते हैं, बल्कि व्यक्तिगत नेतृत्व क्षमता और जागरूकता भी विकसित करते हैं

अगले दिन क्या खास रहेगा?

शिविर के सातवें और अंतिम दिन ‘स्वस्थ जीवनशैली और पौष्टिक भोजन’ पर विशेष कार्यशाला का आयोजन होगा। साथ ही, समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान देने वाले एनएसएस वॉलंटियर्स को सम्मानित किया जाएगा

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।