Saraikela Raid: कुचाई थाना क्षेत्र में पुलिस की छापेमारी, 578 किलो प्रतिबंधित डोडा जब्त
सरायकेला पुलिस ने कुचाई थाना क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए 578 किलो प्रतिबंधित डोडा जब्त किया। पुलिस अब इस मामले की तहकीकात में जुटी है।

झारखंड के सरायकेला जिले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। कुचाई थाना अंतर्गत दलभंगा ओपी क्षेत्र के तरम्बा गांव में पुलिस ने छापेमारी कर 578 किलो प्रतिबंधित डोडा बरामद किया है। इस दौरान प्रधान मुंडा नामक युवक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई, जिसमें सफलता मिली। फिलहाल, आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है।
कैसे हुई पुलिस की यह बड़ी कार्रवाई?
इस मामले पर एसडीपीओ समीर कुमार संवैया ने बताया कि एसपी को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम गठित की गई थी। इसके बाद तरम्बा गांव में छापेमारी अभियान चलाया गया, जहां से यह भारी मात्रा में प्रतिबंधित डोडा जब्त किया गया।
छापेमारी टीम में शामिल अधिकारियों में –
कुचाई थाना प्रभारी नरसिंह मुंडा
दलभंगा ओपी प्रभारी रविंद्र मुंडा
सहायक अवर निरीक्षक मनोज कुमार शर्मा
कुचाई व दलभंगा में तैनात सैट और सशस्त्र बल
क्या है प्रतिबंधित डोडा और क्यों होती है इसकी तस्करी?
डोडा पोस्त एक प्रकार का अफीम उत्पाद है, जिसका उपयोग कई अवैध गतिविधियों में किया जाता है। झारखंड के कुछ इलाकों में इसकी तस्करी और अवैध बिक्री होती रही है, जिसे रोकने के लिए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है।
- झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में डोडा की तस्करी एक गंभीर समस्या रही है।
- कई गिरोह इसे बेचकर मोटा मुनाफा कमाते हैं।
- यह नशीला पदार्थ होने के कारण कई अपराधों से जुड़ा पाया गया है।
झारखंड में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी कार्रवाईयां
सरायकेला जिले में अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई मामलों में पुलिस ने डोडा और अफीम की बरामदगी की है।
- 2022 में भी कुचाई थाना क्षेत्र से 200 किलो डोडा जब्त किया गया था।
- 2019 में झारखंड पुलिस ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया था, जो बिहार और छत्तीसगढ़ तक डोडा की सप्लाई करता था।
पुलिस के लिए क्यों बड़ी सफलता है यह मामला?
सरायकेला पुलिस के अनुसार, यह बरामदगी एक बड़ी सफलता इसलिए भी है क्योंकि –
- इतनी भारी मात्रा में डोडा की जब्ती दुर्लभ होती है।
- इससे जुड़े गिरोह का खुलासा हो सकता है।
- अन्य राज्यों तक फैले नेटवर्क की कड़ी जुड़ सकती है।
आगे क्या?
- पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी अकेले इस काम में था या इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह है।
- गुप्त सूत्रों के आधार पर आगे और छापेमारी की जा सकती है।
- सरकार और प्रशासन अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए सख्त कानूनों पर विचार कर रहे हैं।
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