Dhanbad Gunfire: गोलीकांड का चौंकाने वाला खुलासा, राधेश्याम यादव ने खुद ही चला दी थी गोली!
धनबाद जोड़ापोखर गोलीकांड का चौंकाने वाला खुलासा! राधेश्याम यादव ने खुद ही चला दी थी गोली, पुलिस को गुमराह करने की थी साजिश। पढ़ें पूरी खबर।
धनबाद: जोड़ापोखर गोलीकांड का रहस्य आखिरकार सुलझ गया है। गुरुवार रात बीसीसीएल कर्मी और जनता श्रमिक संघ के सचिव राधेश्याम यादव पर चली गोली को लेकर अब जो सच सामने आया है, उसने सभी को चौंका दिया है। शुरुआती जांच में पुलिस को यादव के बयान पर संदेह हुआ था, और जब सख्ती से पूछताछ की गई, तो पूरा मामला ही पलट गया।
कैसे खुला गोलीकांड का राज?
धनबाद के जोड़ापोखर थाना क्षेत्र में हुए इस गोलीकांड को लेकर पुलिस लगातार छानबीन कर रही थी। घायल राधेश्याम यादव ने पहले बयान दिया था कि भूलन बरारी से लौटते वक्त किसी ने उसे गोली मार दी, लेकिन उसे नहीं पता कि गोली कहां से चली। पुलिस को यह बयान संदिग्ध लगा। जब यादव अस्पताल से घर लौटा, तो पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर गहराई से पूछताछ की। कुछ ही देर में उसने सच उगल दिया।
गलती से खुद ही चला दी थी गोली!
राधेश्याम यादव ने स्वीकार किया कि वह अपने घर के बरामदे में चार दोस्तों के साथ बैठा था। इसी दौरान उसने अवैध पिस्टल निकालकर अपने दोस्तों को दिखाने की कोशिश की। अचानक पिस्टल से गोली चल गई, जो सीधे उसके दाहिने पैर में जा लगी। इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद पुलिस ने मौके से अवैध पिस्टल बरामद कर ली।
अवैध हथियार का भंडाफोड़
पुलिस ने सुदामडीह थाना में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और यादव की निशानदेही पर उसके आंगन में रखे कचरे के बोरे से पिस्टल बरामद कर ली। अब फोरेंसिक जांच के लिए पिस्टल को भेजा जा रहा है, जिससे यह पता लगाया जाएगा कि हथियार से पहले कोई और वारदात तो नहीं हुई।
झूठे बयान से पुलिस को गुमराह करने की कोशिश!
पुलिस जांच में यह साफ हुआ कि यादव ने जानबूझकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी। उसने पहले यह दिखाने की कोशिश की कि किसी ने उसे जान से मारने की साजिश रची थी, लेकिन असल में यह सब एक गलती का नतीजा था। पुलिस पहले इस घटना में किसी हमलावर की तलाश कर रही थी, लेकिन अब खुद यादव ही आरोपी बन चुका है।
अब क्या होगा आगे?
जोड़ापोखर सर्किल इंस्पेक्टर पंकज भूषण ने बताया कि राधेश्याम यादव के कबूलनामे के बाद उसे आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे सोमवार को जेल भेज दिया जाएगा।
राजनीतिक साजिश का नया मोड़!
इस बीच, क्षेत्रीय सचिव धर्मेंद्र सिंह ने इस पूरे मामले को एक राजनीतिक साजिश करार दिया है। जयरामपुर निवासी मो शरीफ कुरैशी ने धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ मारपीट और छिनतई का मामला दर्ज कराया था। सिंह ने प्रेसवार्ता कर दावा किया कि यह आरोप झूठा है और यह उन्हें फंसाने की साजिश का हिस्सा है।
क्या धनबाद में अवैध हथियारों का जाल फैला हुआ है?
धनबाद में इस तरह के मामलों का सामने आना कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह कोई पहला मामला नहीं है, जब अवैध हथियारों का खुलासा हुआ हो। पहले भी कई बार यहां कोयला माफिया और आपराधिक गुटों से जुड़े मामलों में अवैध हथियारों की बरामदगी हो चुकी है।
क्या पुलिस अब और सख्त होगी?
अब देखना यह होगा कि धनबाद पुलिस इस घटना के बाद अवैध हथियारों के खिलाफ कितनी सख्त कार्रवाई करती है। पुलिस पहले से ही अवैध पिस्टल और जिंदा कारतूस की तलाश में जुटी हुई है।
धनबाद का यह चौंकाने वाला मामला सिर्फ एक गलती नहीं, बल्कि अवैध हथियारों की बढ़ती समस्या को उजागर करता है। अवैध हथियारों पर सख्ती जरूरी है, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
What's Your Reaction?