Prayagraj Snan: महाकुंभ में आस्था की सुनामी, 67 करोड़ ने लगाई डुबकी!
महाकुंभ 2025 में आस्था की सुनामी! अब तक 67 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। जानिए, क्यों यह मानव इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन बन गया है!

आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का अंतिम स्नान हो रहा है। सुबह 6 बजे तक 41.11 लाख श्रद्धालु संगम में पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं, और अनुमान है कि शाम तक यह संख्या 67 करोड़ तक पहुंच सकती है!
पिछले 44 दिनों में कुल 65 करोड़ श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर चुके हैं।
आज शिवरात्रि पर ही 3 करोड़ से अधिक लोग संगम में आकर डुबकी लगा सकते हैं।
इतने श्रद्धालु आए हैं कि यह संख्या दुनिया के 193 देशों की जनसंख्या से भी अधिक है!
यूपी सरकार ने इसे "मानव इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन" बताया है। हिंदू धर्म के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु एक साथ किसी आयोजन में शामिल हुए हैं।
दुनिया में कहीं नहीं हुआ ऐसा आयोजन, 193 देशों से ज्यादा लोग पहुंचे!
क्या आप जानते हैं?
महाकुंभ में स्नान करने वालों की संख्या अमेरिका की आबादी से दोगुनी, रूस की चार गुनी और जापान की पांच गुनी से भी अधिक हो चुकी है!
योगी सरकार का दावा है कि संगम में आने वाले श्रद्धालु दुनिया में हिंदुओं की कुल आबादी के आधे हिस्से के बराबर हैं।
इस महाकुंभ ने भारत को "विश्व आस्था का केंद्र" बना दिया है।
यूपी सरकार ने कहा है कि इतने बड़े पैमाने पर मानवों का एक साथ जुटना पहले कभी नहीं देखा गया।
प्रयागराज में नो-एंट्री, हर तरफ श्रद्धालुओं का सैलाब!
महाकुंभ के अंतिम स्नान को देखते हुए प्रयागराज में 25 फरवरी की शाम से वाहनों की नो-एंट्री लागू कर दी गई है।
मेले के अंदर भी कोई वाहन नहीं चल रहे हैं ताकि भक्तों को पैदल चलकर आराम से संगम तक पहुंचने का मौका मिले।
संगम जाने वाले हर रास्ते पर रात से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
स्नान के बाद श्रद्धालुओं से घाट खाली कराए जा रहे हैं, ताकि भीड़ अनियंत्रित न हो।
हवाई और रेलवे सेवाओं ने तोड़े रिकॉर्ड!
महाकुंभ के लिए रेलवे और हवाई सेवाओं ने ऐतिहासिक आंकड़े दर्ज किए हैं!
रेलवे ने इस महाकुंभ के लिए 3,000 से ज्यादा विशेष ट्रेनें चलाईं।
इन ट्रेनों ने 13,000 से अधिक फेरे लगाए, जिससे लाखों श्रद्धालु प्रयागराज आ सके।
हर हफ्ते 300 से अधिक फ्लाइट्स प्रयागराज में उतरीं, जिनमें चार्टर्ड, स्पाइसजेट, एयर इंडिया और इंडिगो जैसी बड़ी एयरलाइंस शामिल थीं।
600 से ज्यादा चार्टर्ड प्लेन प्रयागराज के एयरपोर्ट पर उतर चुके हैं, जिससे यह देश के 20 सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में शामिल हो गया है!
हर रोज 4,000 से ज्यादा नावों ने श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचाया।
इतनी विशाल व्यवस्था पहले किसी आयोजन में नहीं देखी गई!
महाकुंभ का ऐतिहासिक महत्व – क्यों है इतना खास?
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है।
सनातन धर्म में इसे जीवन के चार सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है।
प्रयागराज का महाकुंभ सबसे बड़ा होता है, जहां तीन पवित्र नदियों – गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है।
पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब देवताओं और असुरों के बीच अमृत कलश को लेकर युद्ध हुआ, तब अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज के संगम पर गिरी थीं। इसीलिए, यहां स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यूपी सरकार का दावा – सबसे ऐतिहासिक महाकुंभ!
यूपी सरकार ने महाकुंभ 2025 को "मानव इतिहास का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन" बताया है।
इतनी बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने का अब तक कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है।
पहली बार सरकार ने महाकुंभ की ब्रांडिंग "ग्लोबल लेवल" पर की, जिससे दुनियाभर के श्रद्धालु इसमें पहुंचे।
महाशिवरात्रि पर उमड़ा जनसैलाब – अंतिम दिन का पुण्य स्नान!
आज महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
सुबह से ही मंदिरों में घंटियों की आवाज और हर हर महादेव के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया है।
काशी विश्वनाथ, महाकालेश्वर और बद्रीनाथ से आए साधु-संत विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं।
श्रद्धालु गंगा जल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक भी कर रहे हैं।
क्या यह आयोजन तोड़ सकता है वर्ल्ड रिकॉर्ड?
अब सवाल उठता है – क्या यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बन चुका है?
अगर श्रद्धालुओं की संख्या 67 करोड़ तक पहुंच गई, तो यह इंसानी इतिहास में सबसे बड़ी मानव सभा बन जाएगी।
योगी सरकार इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने की तैयारी में है।
आस्था का महासंगम – क्या बोले श्रद्धालु?
ऐसा दिव्य अनुभव पहली बार हुआ! इतनी भीड़ के बावजूद हर चीज व्यवस्थित थी।" – वाराणसी से आए एक श्रद्धालु।
नाव से संगम जाना और वहां स्नान करना, यह जीवन का सबसे पवित्र पल था।" – मुंबई की श्रद्धालु सुनीता देवी।
ट्रेन और बस सेवाएं शानदार रहीं, सरकार की तैयारी बेहतरीन थी!" – गुजरात से आए पर्यटक।
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