Los Angeles Defeat: ऑस्कर से चूक गई भारत की शॉर्ट फिल्म ‘अनुजा’, जानें कैसे टूटा सपना?

भारत की शॉर्ट फिल्म ‘अनुजा’ 97वें ऑस्कर अवॉर्ड्स में बेस्ट लाइव एक्शन शॉर्ट कैटेगरी में नामांकित थी, लेकिन यह अवॉर्ड जीतने से चूक गई। जानें, कैसे डच फिल्म ‘आई एम नॉट ए रोबोट’ ने ‘अनुजा’ का सपना तोड़ दिया और भारत के लिए ऑस्कर जीतना अब भी एक चुनौती क्यों बना हुआ है।

Mar 6, 2025 - 12:56
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Los Angeles Defeat: ऑस्कर से चूक गई भारत की शॉर्ट फिल्म ‘अनुजा’, जानें कैसे टूटा सपना?
Los Angeles Defeat: ऑस्कर से चूक गई भारत की शॉर्ट फिल्म ‘अनुजा’, जानें कैसे टूटा सपना?

नई दिल्ली: भारतीय सिनेमा के लिए 97वें एकेडमी अवॉर्ड्स (ऑस्कर) में एक खास उम्मीद ‘अनुजा’ थी, लेकिन यह फिल्म प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीतने से चूक गई। बेस्ट लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में ‘अनुजा’ का मुकाबला बेहद मजबूत फिल्मों से था, जिसमें डच फिल्म ‘आई एम नॉट ए रोबोट’ ने अंतिम बाजी मार ली।

कैसे टूटा ‘अनुजा’ का सपना?

एडम जे ग्रेव्स और सुचित्रा मट्टई द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने दुनियाभर में सराहना बटोरी थी। फिल्म एक नौ वर्षीय लड़की अनुजा की कहानी पर केंद्रित है, जिसे अपनी बहन के साथ फैक्ट्री में काम करने और शिक्षा के बीच एक कठिन निर्णय लेना पड़ता है। मुख्य किरदारों में सजदा पठान और अनन्या शानबाग हैं, जिन्होंने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को भावुक कर दिया।

लेकिन जब बेस्ट लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में नाम की घोषणा हुई, तो डच फिल्म निर्माता विक्टोरिया वार्मरडैम और निर्माता ट्रेंट की फिल्म ‘आई एम नॉट ए रोबोट’ विजेता घोषित हुई। इस जीत ने ‘अनुजा’ की उम्मीदों को तोड़ दिया, जो भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक पल बन सकता था।

ऑस्कर में ‘अनुजा’ की राह आसान नहीं थी

इस कैटेगरी में मुकाबला बेहद कड़ा था। ‘अनुजा’ के अलावा नामांकित अन्य शॉर्ट फिल्मों में ‘ए लीन’, ‘द लास्ट रेंजर’, और ‘द मैन हू कुड नॉट रिमेन साइलेंस’ शामिल थीं। हालांकि, ‘आई एम नॉट ए रोबोट’ की प्रभावशाली कहानी और सिनेमेटोग्राफी ने जूरी का दिल जीत लिया।

ऑस्कर समारोह 2 मार्च 2025 को लॉस एंजिल्स के प्रतिष्ठित डॉल्बी थिएटर में आयोजित हुआ था, जबकि भारत में इसका टेलीकास्ट 3 मार्च को सुबह 5:30 बजे से किया गया।

‘अनुजा’ क्यों थी खास?

‘अनुजा’ सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, बल्कि यह भारत में बाल श्रम और शिक्षा के संघर्ष को उजागर करने वाली एक संवेदनशील कहानी थी। इसे सलाम बालक ट्रस्ट (SBT) के सहयोग से बनाया गया था, जो सड़क पर रहने वाले और काम करने वाले बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली एक गैर-लाभकारी संस्था है। खास बात यह है कि इस संस्था की स्थापना प्रख्यात फिल्म निर्माता मीरा नायर के परिवार द्वारा की गई थी।

भारत और ऑस्कर: पुरानी कड़ियां और नई उम्मीदें

भारत की कई फिल्मों ने ऑस्कर में अपनी जगह बनाई है, लेकिन बहुत कम फिल्में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीत सकी हैं। इससे पहले 2009 में ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ को कई ऑस्कर अवॉर्ड मिले थे, जिसमें भारतीय कलाकारों का भी योगदान था। वहीं, 2023 में ‘आरआरआर’ के गाने ‘नाटू नाटू’ ने बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का अवॉर्ड जीता था।

हालांकि, भारतीय शॉर्ट फिल्मों के लिए सफर चुनौतीपूर्ण रहा है। 2022 में ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ ने बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट का ऑस्कर जीता था, लेकिन लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में भारतीय फिल्म के लिए जीत अब तक एक सपना ही बनी हुई है।

क्या ‘अनुजा’ को अगला मौका मिलेगा?

हालांकि, इस बार ‘अनुजा’ अवॉर्ड नहीं जीत पाई, लेकिन इस फिल्म को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक नई राह खोल सकती है। यह दिखाता है कि भारत में कंटेंट आधारित सिनेमा को वैश्विक मंच पर कितनी सराहना मिल रही है।

अंत में

‘अनुजा’ भले ही ऑस्कर नहीं जीत पाई, लेकिन इसने भारत के लिए एक नई उम्मीद जरूर जगाई है। आने वाले समय में, भारतीय फिल्में और मजबूत कहानियों के साथ ऑस्कर में अपनी जगह बना सकती हैं। क्या अगली बार कोई भारतीय शॉर्ट फिल्म इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीत पाएगी? यह देखने वाली बात होगी!

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।