America Tariff War: चीन ने दी खुली चुनौती, ट्रेड वॉर में अब आर-पार की लड़ाई!
अमेरिका द्वारा 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बाद चीन ने दी सख्त प्रतिक्रिया। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका की धमकियों से वे नहीं डरते और जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं। जानिए पूरी खबर।

अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक टकराव एक बार फिर तेज हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को चीन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे पहले से चल रही ट्रेड वॉर को और हवा मिल गई। इसके जवाब में चीन ने सख्त प्रतिक्रिया दी और अमेरिका को खुली चुनौती दे दी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि अगर अमेरिका जंग चाहता है, तो चीन भी मुकाबले के लिए तैयार है—फिर चाहे वह ट्रेड वॉर हो या किसी और तरह की टकराव!
चीन ने साफ शब्दों में कहा कि वे किसी भी तरह की धमकी से डरते नहीं हैं और अमेरिका की जबरदस्ती या दबाव की नीति उनके देश पर असर नहीं डालेगी। इस नई आर्थिक जंग के संकेत अब ग्लोबल मार्केट में भी दिखने लगे हैं।
ट्रेड वॉर की शुरुआत: कब और कैसे?
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव कोई नया नहीं है। यह संघर्ष 2018 में तब शुरू हुआ जब ट्रम्प प्रशासन ने पहली बार चीनी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की। ट्रम्प ने चीन पर बौद्धिक संपदा की चोरी और अनुचित व्यापारिक नीतियों का आरोप लगाया। चीन ने भी पलटवार करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिया।
2019 में, जब दोनों देशों के बीच बातचीत हो रही थी, तब भी कई बार तनाव बढ़ता रहा। चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह अपने फायदे के लिए नियमों को तोड़-मरोड़ रहा है और जबरन अपनी शर्तें थोप रहा है।
फेंटेनाइल विवाद: असली वजह या बहाना?
इस बार अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाने का एक नया कारण दिया—फेंटेनाइल ड्रग का मुद्दा। अमेरिकी सरकार का कहना है कि चीन से अवैध फेंटेनाइल (एक तरह का मादक पदार्थ) अमेरिका में आ रहा है, जिससे ड्रग्स की समस्या बढ़ रही है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया और कहा कि अमेरिका केवल चीन को बदनाम करने के लिए झूठी कहानियां गढ़ रहा है। उन्होंने कहा, "अगर अमेरिका सच में इस समस्या को हल करना चाहता है, तो उसे चीन से सम्मानजनक बातचीत करनी चाहिए।"
यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने अमेरिका की इन नीतियों का विरोध किया है। 2019 में, चीन ने फेंटेनाइल से जुड़ी दवाओं को मादक पदार्थों की लिस्ट में डालने का कदम उठाया था, जिससे यह साफ हो गया था कि वे इस मुद्दे पर गंभीर हैं।
आगे क्या होगा? चीन का अगला कदम?
अब सवाल यह है कि क्या चीन भी अमेरिका के टैरिफ के जवाब में कोई ठोस कदम उठाएगा? इससे पहले भी जब अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाया था, चीन ने जवाबी टैरिफ लगाकर अमेरिकी उत्पादों पर असर डाला था।
इस बार भी चीन के संकेत स्पष्ट हैं कि वे हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठेंगे। चीन की सरकार जल्द ही अमेरिका को कड़ा जवाब देने के लिए कदम उठा सकती है।
ट्रेड वॉर का यह नया अध्याय न सिर्फ अमेरिका और चीन बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर डालेगा। निवेशक डरे हुए हैं, शेयर बाजार अस्थिर है और कंपनियों को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अब देखना होगा कि अमेरिका इस चुनौती का कैसे सामना करता है और क्या दोनों देश किसी नए समझौते की ओर बढ़ेंगे, या फिर यह ट्रेड वॉर लंबे समय तक जारी रहेगा?
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव अब केवल टैरिफ तक सीमित नहीं रहा। अब यह वैश्विक शक्ति संघर्ष का हिस्सा बन चुका है। अमेरिका जहां चीन को व्यापारिक स्तर पर कमजोर करने की कोशिश कर रहा है, वहीं चीन भी पूरी ताकत से इसका जवाब देने को तैयार है।
क्या यह ट्रेड वॉर जल्द खत्म होगा या फिर दोनों देशों के बीच और भी कड़े फैसले लिए जाएंगे? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा!
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