Jamshedpur Action: सेना के जवान की गिरफ्तारी पर डीजीपी सख्त, दिए जांच के आदेश!

जमशेदपुर में सेना के जवान सूरज राय की गिरफ्तारी पर डीजीपी सख्त, दिए निष्पक्ष जांच के आदेश। जानें पूरा मामला।

Mar 19, 2025 - 16:42
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Jamshedpur Action: सेना के जवान की गिरफ्तारी पर डीजीपी सख्त, दिए जांच के आदेश!
Jamshedpur Action: सेना के जवान की गिरफ्तारी पर डीजीपी सख्त, दिए जांच के आदेश!

जमशेदपुर के जुगसलाई थाना क्षेत्र में सेना के जवान सूरज राय और उनके भाई विजय राय की गिरफ्तारी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना पर झारखंड पुलिस के डीजीपी ने कड़ा रुख अपनाते हुए जांच के आदेश दिए हैं। डीजीपी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कोल्हान डीआईजी को निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

फौजी की गिरफ्तारी से क्यों मचा हड़कंप?

सूरज राय भारतीय सेना में हवलदार के पद पर अखनूर में कार्यरत हैं, जबकि उनके चचेरे भाई विजय राय भी उनके साथ इस मामले में गिरफ्तार किए गए थे। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब जुगसलाई पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया, लेकिन इस पूरी घटना ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

डीजीपी ने क्यों दिए कड़े निर्देश?

डीजीपी का कहना है कि देश का कोई भी फौजी अगर कानून तोड़ता है, तो उसे सीधे जेल भेजने के बजाय नजदीकी आर्मी यूनिट को सौंपा जाना चाहिए, ताकि सेना अपने नियमों के अनुसार उस पर कार्रवाई कर सके। सेना के जवानों का इस तरह गिरफ्तार होकर जेल जाना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह प्रक्रिया पर भी सवाल खड़ा करता है।

सेना के जवानों की गिरफ्तारी पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल

यह पहली बार नहीं है जब किसी फौजी की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े हुए हैं। इससे पहले भी कई मामलों में देखा गया है कि सेना के जवानों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस और सेना के बीच समन्वय की कमी के चलते विवाद पैदा हुआ है। सेना के नियमों के अनुसार, किसी भी फौजी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से पहले उसे संबंधित सैन्य अधिकारियों को सूचना दी जानी चाहिए।

क्या था पूरा मामला?

जुगसलाई थाना क्षेत्र में एक मामले में दर्ज एफआईआर के आधार पर सूरज राय और विजय राय को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, उनके खिलाफ क्या आरोप थे, यह स्पष्ट नहीं किया गया है। गिरफ्तारी के बाद मामला डीजीपी तक पहुंचा और उन्होंने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए।

अब क्या होगा आगे?

डीजीपी के निर्देश के बाद अब कोल्हान डीआईजी इस पूरे मामले की जांच करेंगे। अगर पुलिस की तरफ से कोई लापरवाही सामने आती है, तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। साथ ही, सेना के जवानों के साथ भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए भी एक नई प्रक्रिया लागू करने पर विचार किया जा सकता है।

इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि कानून व्यवस्था और सैन्य अनुशासन के बीच तालमेल बैठाना कितना जरूरी है। सेना के जवानों को देश की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा जाता है, लेकिन अगर वे किसी कानूनी विवाद में फंसते हैं, तो उनकी गिरफ्तारी और कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और नियमों के अनुसार होनी चाहिए।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।