Barwadda Accident: दो ट्रकों ने कुचला सुधीर को! सीसीटीवी में कैद हुआ मौत का मंजर
बरवाअड्डा में दो ट्रकों ने मिलकर ली एक व्यक्ति की जान। सीसीटीवी में कैद हुआ दर्दनाक हादसा, सुधीर यादव की मौत से इलाके में मातम।

मेमको मोड़ के समीप हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में 45 वर्षीय सुधीर यादव की जान चली गई। अब इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जो दिल दहला देने वाला है। ये हादसा सिर्फ एक चूक नहीं, बल्कि सिस्टम की लापरवाही और ट्रकों की बेलगाम रफ्तार का जीता-जागता उदाहरण है।
कैसे हुई मौत की यह दिल दहला देने वाली घटना?
शुक्रवार की रात करीब 9 बजे के आसपास, सुधीर यादव — जो कृषि बाजार के समीप रहते थे — मेमको मोड़ से गुजर रहे थे। तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सुधीर यादव सड़क पर गिर पड़े। इससे पहले कि कोई मदद के लिए पहुंचता, पीछे से आ रहे एक और ट्रक ने उन्हें रौंदते हुए निकल गया।
सीसीटीवी फुटेज ने खोला मौत का पूरा सच
शनिवार को बरवाअड्डा पुलिस ने मेमको मोड़ और आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की। एक कैमरे में पूरी घटना रिकॉर्ड हो गई थी। फुटेज में साफ दिख रहा है कि कैसे पहले ट्रक ने सुधीर को धक्का दिया और फिर दूसरा ट्रक उन्हें कुचलते हुए निकल गया। इसी हादसे में सुधीर के दोनों पैर बुरी तरह कुचले गए।
अस्पताल पहुंचने तक हो चुकी थी देर
हादसे के तुरंत बाद सुधीर यादव को एसएनएमएमसीएच अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत गंभीर थी। डॉक्टरों ने कुछ देर में उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है और पूरा इलाका शोक में डूबा हुआ है।
ट्रकों की बेलगाम रफ्तार बन रही मौत का कारण
धनबाद सहित झारखंड के कई इलाकों में ओवरलोड और तेज रफ्तार ट्रकों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। बरवाअड्डा क्षेत्र, जो औद्योगिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, वहां भारी वाहनों की लगातार आवाजाही आम बात है। लेकिन इन वाहनों पर प्रशासन की पकड़ न के बराबर है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
बरवाअड्डा और उसके आसपास के इलाकों में यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले एक साल में ही यहां दर्जनों सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई लोगों की जान गई है। लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
सुधीर यादव की मौत केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक पूरे सिस्टम की विफलता की कहानी है। सीसीटीवी फुटेज ने एक बार फिर बता दिया है कि हमारे सड़कों पर हर पल मौत मंडरा रही है — और जिम्मेदारों की आंखें अब भी बंद हैं। सवाल यह है कि कितनी और जाने जाएंगी तब जाकर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा?
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