महिला समानता दिवस : प्रगति की ओर एक कदम - डॉ. फ़ातिमा ज़ेहरा
आज हमें महिला समानता की परवाह क्यों करनी चाहिए? सच तो यह है कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
What's Your Reaction?
Or register with email
Join our subscribers list to get the latest news, updates and special offers directly in your inbox
महिला समानता दिवस यानि 26 अगस्त एक विशेष दिन है जो हमें अमेरिका में महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष की याद दिलाता है,जिसने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया। लेकिन यह सिर्फ़ वोट देने के अधिकार से कहीं आगे जाता है; यह समानता की ओर यात्रा पर चिंतन करने और यह स्वीकार करने का समय है कि हम कितनी दूर आ गए हैं। महिला समानता दिवस की जड़ें 20वीं सदी की शुरुआत में जाती हैं। उस समय, महिलाओं को समाज में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता था। वे वोट नहीं दे सकती थीं, संपत्ति नहीं खरीद सकती थीं, या जीवन के कई क्षेत्रों में अपनी बात नहीं रख सकती थीं। मताधिकारवादियों, सुसान बी. एंथनी और एलिजाबेथ कैडी स्टैंटन जैसी बहादुर महिलाओं ने उस कहानी को बदलने के लिए अथक संघर्ष किया। उनके समर्पण और अथक भावना ने आज की महिलाओं के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
आज हमें महिला समानता की परवाह क्यों करनी चाहिए? सच तो यह है कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। जबकि महिलाओं ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं। वेतन अंतर, कार्यस्थल भेदभाव और नेतृत्व की भूमिकाओं में कम प्रतिनिधित्व महिलाओं के जीवन को प्रभावित करना जारी रखता है। महिला समानता दिवस मनाकर, हम जागरूकता बढ़ाते हैं और इन मुद्दों के बारे में बातचीत को बढ़ावा देते हैं।महिलाओं के स्वामित्व वाले व्यवसायों का हमें समर्थन करना चाहिए।महिला उद्यमियों से खरीदारी कर तथा उनके काम का समर्थन कर हम उनकी आर्थिक समानता को प्रोत्साहित कर सकते हैं। हमें महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने वाले स्थानीय कार्यक्रमों या रैलियों में शामिल होना चाहिए।महिलाओं की समानता पर चर्चा करने के लिए अपने प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करना चाहिए। दूसरों को शिक्षित करने में मदद करने के लिए लेख, उद्धरण या अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करने चाहिए।
देखा जाए तो महिलाओं की समानता के लिए अभी भी एक लंबी यात्रा है। विज्ञान से लेकर राजनीति तक, कई क्षेत्रों में ज़्यादा से ज़्यादा महिलाएँ आगे आ रही हैं। हर मील का पत्थर हमें एक ऐसे भविष्य के करीब लाता है जहाँ लिंग अवसर को निर्धारित नहीं करता। हमें एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जहाँ हर किसी के पास, लिंग की परवाह किए बिना, सफल होने के समान अवसर हों। यही वह दृष्टि है जिसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। यह हमें भविष्य में बदलाव के लिए प्रेरित करते हुए अतीत को पहचानने का आग्रह करता है। हर कोई इस आंदोलन में योगदान दे सकता है - चाहे खुद को शिक्षित करके या अपने आस-पास के लोगों का समर्थन करके। आइए हम सब मिलकर उन महिलाओं का सम्मान करें जिन्होंने हमारे अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और एक ऐसे समाज के लिए प्रयास जारी रखें जहां समानता सभी के लिए एक वास्तविकता हो।
डॉ. फ़ातिमा ज़ेहरा
प्रबंध निदेशक, शब्दायन प्रकाशन,
अलीगढ़ (उoप्रo)
Team India Nov 28, 2022 0
Total Vote: 8
भारतीय जनता पार्टी