आनंद से जियो और आनंद से जीने दो - पीयूष गोयल जी, उत्तर प्रदेश
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो - पीयूष गोयल जी, उत्तर प्रदेश
बहुत समय पहले की बात है, एक मछुआरा रोज़ाना मछलियाँ पकड़कर और बेचकर अपने परिवार का लालन-पालन करता था। एक दिन, जब वह मछली पकड़ कर अपनी टोकरी में रख रहा था, उसने देखा कि एक मछली बहुत जोर-जोर से उछल कूद कर रही थी और बड़ी बेचैन लग रही थी। मछुआरे ने उसे अपनी टोकरी से निकाल कर देखा तो पाया कि मछली की आँखें नम थीं। तभी मछली ने एक मोती उगल दिया। उस मोती पर लिखा था, "भैया, मुझे छोड़ दो, मेरे बिना मेरे बच्चे मर जाएँगे।" मछुआरे का दिल पिघल गया और उसने उस मछली को छोड़ दिया, साथ ही वह मोती अपने पास सुरक्षित रख लिया।
समय बीतता गया और फिर एक दिन ऐसा ही हुआ। एक मछली जोर-जोर से उछल कूद कर रही थी और उसकी आँखें भी नम थीं। जैसे ही मछुआरे ने उसे हाथों में लिया, एक और मोती निकला, जिस पर लिखा था, "मेरे बिना मेरी माँ मर जाएगी।" मछुआरे का दिल फिर से पिघल गया और उसने उस मछली को भी छोड़ दिया और मोती अपने पास रख लिया। लेकिन वह सोचने लगा, "अगर ऐसे ही चलता रहा तो मेरा तो काम बंद हो जाएगा।"
समय गुजरता रहा और एक दिन फिर से ऐसा ही हुआ। इस बार मोती पर लिखा था, "भैया, मेरे बिना मेरी पत्नी नहीं रह पाएगी।" मछुआरे से यह सहन नहीं हुआ और उसने पूरा का पूरा मछली से भरा टोकरा तालाब में लोटा दिया। उसने तीनों मोती अपनी जेब में रख लिए और घर वापस चल दिया।
मछुआरे ने अपनी पत्नी को ये सारी बातें बताईं और कहा, "अब मैं यह काम नहीं कर पाऊँगा। मैं अपने मन के आगे हार गया हूँ, मैं अब मछलियाँ नहीं पकड़ पाऊँगा।" दोनों ही बड़ी सोच में पड़ गए कि अब परिवार का लालन-पालन कैसे होगा।
एक दिन, मछुआरा बड़े ही परेशान मन से तालाब के पास जाकर बैठ गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा। तभी एक मछली बाहर आई और बोली, "भैया, आप चिंता ना करें। आपने हमारे लिए इतना किया है, अब हमारा वक़्त है।" एक-एक करके बहुत सारी मछलियाँ बाहर आईं और हर मछली एक-एक मोती उगल कर चली गई। मछलियों ने कहा, "आप बिल्कुल भी चिंता मत करना, जब भी आपका मन करे मिलने आते रहना।"
मछुआरे ने सारे मोती इकट्ठा किए और घर की ओर चल दिया। इतने सारे मोती देखकर पूरा घर फूला न समाया। मछुआरे ने एक नया व्यापार शुरू कर दिया और बड़े आनंद के साथ जीवन जीने लगे। जब भी मन करता, मछुआरा तालाब के पास जाकर मछलियों से मिल आता। और इस तरह, मछुआरा और उसका परिवार आनंद से जीने लगे।
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो।
What's Your Reaction?