फँसी हुई गठबंधन की गाड़ी - डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित
फँसी हुई गठबंधन की गाड़ी, सिर पर चुनाव खींचतान जारी, सबका तो अपना अपना स्वार्थ लगाते आरोप एक दूसरे पर भारी।
फँसी हुई गठबंधन की गाड़ी
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फँसी हुई गठबंधन की गाड़ी,
सिर पर चुनाव खींचतान जारी,
सबका तो अपना अपना स्वार्थ
लगाते आरोप एक दूसरे पर भारी।
लेते हैं सभी अंबेडकर का नाम
हो रहा लोहिया का नाम बदनाम,
सिद्धांत विहीन हो गया विपक्ष
वंशवाद पर नहीं लगता विराम।
कांग्रेस को नहीं समझती सपा
चुनाव जीतने के भी लायक,
इसलिए तो उत्तर प्रदेश में
अखिले ही स्वयं लाभदायक।
महायुति में सुलह
अघाड़ी में कलह,
दोस्ताना संघर्ष या
सुलझेगा किसी तरह?
चुनाव दो प्रदेशों का
टेंशन में सारा देश,
झूठा ही आरोप लगाते
गढ़ते नित मिथ्या केश।
चौबीस के चुनाव में तो
सत्ताइस का होता जिक्र,
उस वर्ष सीएम बनने का
अखिलेश का स्वप्निल फिक्र।
मुंगेरीलाल के सपने हसीन
देखने का हक तो सबको है,
दिल्ली अभी तो बहुत दूर है
भविष्य की प्रतीक्षा सबको है।
-डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित
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