ग़ज़ल - 19 - रियाज खान गौहर, भिलाई
वार मुझ पे वो करेगा दिल में आया ही नहीं आज तक जिसने खंजर चलाया ही नहीं ....
गजल
वार मुझ पे वो करेगा दिल में आया ही नहीं
आज तक जिसने खंजर चलाया ही नहीं
कैसे समझूं बात क्या है ये बता दें आप ही
हाले दिल उसने कभी अपना बताया ही नहीं
मैं तुम्हारी बात पर नाराज क्यों होने लगा
मैं तुम्हारी बात को दिल से लगाया ही नहीं
कर रहा था अम्न की बातें दिखावे के लिये
वो लड़ाकर भी हमें देखो लड़ाया ही नहीं
जानता हूं सच कहूंगा तो जुबां कट जायेगी
बस इसी डर से मैनें सच बताया ही नहीं
सामने होने का तो तेरा मुझे एहसास है
आज तक तू ने मगर चेहरा दिखाया ही नहीं
रोज ही वो कत्ल होता उफ नही करता मगर
आज तक गौहर किसी को कुछ बताया ही नहीं
गजलकार
रियाज खान गौहर भिलाई
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