Union Budget 2025: बिहार में विभाजन की बहस छिड़ गई - क्या मिथिलांचल अगला झारखंड है?
केंद्रीय बजट 2024 में बिहार को मखाना बोर्ड और ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट मिला, लेकिन क्या यह मिथिलांचल को अलग राज्य बनाने की रणनीति है? जानिए चुनावी समीकरण और झारखंड जैसे विभाजन का इतिहास।
Union Budget 2025 – मिथिलांचल को अलग राज्य बनाने की चाल?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बिहार-केंद्रित बजट 2024 पेश किया, जिसे विपक्ष "चुनावी ट्रिक" बता रहा है। लेकिन असली सवाल यह है: क्या यह बजट बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र को अलग राज्य बनाने की नींव है? जैसे 2000 में लालू प्रसाद यादव के समय झारखंड अलग हुआ, क्या नीतीश कुमार अब मिथिलांचल को लेकर ऐसी ही राजनीति कर रहे हैं?
बजट में बिहार को क्या मिला?
-
मखाना बोर्ड: मखाना उत्पादन और मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड की स्थापना।
-
आईआईटी पटना का विस्तार: छात्रावास और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार।
-
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट: पटना और बिहटा के अलावा एक नया एयरपोर्ट (स्थान अभी रहस्य)।
-
पश्चिमी कोशी नहर परियोजना: मिथिलांचल के 50,000 हेक्टेयर खेतों को सिंचाई सुविधा।
-
राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान: किसानों की आय बढ़ाने और युवाओं को रोजगार देने का वादा।
क्या नहीं मिला?
-
बाढ़ राहत के लिए 13,000 करोड़ रुपये की मांग ठुकराई गई।
-
दरभंगा, भागलपुर और नालंदा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रस्ताव खारिज।
"मिथिलांचल विशेष" बजट: चुनावी गणित या विभाजन की चिंगारी?
वित्त मंत्री ने मिथिला पेंटिंग वाली साड़ी पहनकर साफ संदेश दिया कि यह बजट मिथिलांचल को टारगेट करता है। राजनीतिक विश्लेषक राम बंधु वत्स कहते हैं, "यह बजट मिथिलांचल की मांगों को मजबूती देता है। 1980 के दशक से यहां अलग राज्य की मांग उठती रही है। नीतीश कुमार, लालू के झारखंड फॉर्मूले को दोहराना चाहते हैं।"
झारखंड का इतिहास दोहराएगा बिहार?
-
2000 में झारखंड बना: लालू प्रसाद यादव के विरोध के बावजूद, भाजपा और समता पार्टी ने अलग राज्य का समर्थन किया।
-
मिथिलांचल की मांग: 1952 से ही मैथिली भाषा और संस्कृति को लेकर अलगाववादी आवाजें उठती रही हैं। 2022 में संजय झा की पार्टी ने मिथिला राज्य का मुद्दा गर्माया।
चुनावी फायदा: दिल्ली और बिहार में NDA की रणनीति
-
दिल्ली में बिहारी वोटर्स: दिल्ली की 40 विधानसभा सीटों में 15% बिहारी मतदाता हैं। बजट में मिथिलांचल पर फोकस कर NDA ने दिल्ली चुनाव (2025) को टारगेट किया है।
-
बिहार विधानसभा चुनाव: 2025 में बिहार में NDA (भाजपा+JD(U)) vs महागठबंधन (RJD+कांग्रेस) की लड़ाई होगी। मिथिलांचल की 24 सीटें निर्णायक होंगी।
धरातल की सच्चाई: क्या बदलेगा बिहार में?
-
मखाना बोर्ड – दिखावा या विकास?
-
"पहले भी मखाना बोर्ड बने, लेकिन किसानों को सही दाम नहीं मिले। अब सिर्फ नाम बदला गया है।"
-
-
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट – कहां बनेगा?
-
"पटना और बिहटा पहले से हैं। नए एयरपोर्ट का ठिकाना अस्पष्ट है। यह सिर्फ वादा है।"
-
-
आईआईटी पटना विस्तार – लोकल युवाओं को क्या मिलेगा?
-
"आईआईटी में दाखिला मेरिट से होता है। स्थानीय छात्रों को कोई खास लाभ नहीं।"
-
तुलना तालिका: बजट 2024 – मिला vs नहीं मिला
योजना | आवंटन | धरातल की चुनौती |
---|---|---|
मखाना बोर्ड | ✅ हां | पुराने बोर्ड की तरह निष्क्रिय न हो |
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट | ✅ हां (स्थान ?) | भूमि अधिग्रहण और फंडिंग का संकट |
पश्चिमी कोशी नहर | ✅ हां | भ्रष्टाचार के कारण लाभ न पहुंचना |
बाढ़ राहत कोष | ❌ नहीं | 2023 की बाढ़ में 200 गांव डूबे |
दरभंगा एयरपोर्ट | ❌ नहीं | क्षेत्रीय विकास रुका हुआ |
NDA सरकार ने बजट 2024 में मिथिलांचल को लुभाने की कोशिश की है, लेकिन यह रणनीति बिहार के टुकड़े करने जैसी लग रही है। 2000 में झारखंड के बाद अगर मिथिलांचल अलग होता है, तो नीतीश कुमार इतिहास में "बिहार विभाजक" के रूप में याद किए जाएंगे। अभी सवाल यह है: क्या यह बजट बिहार को जोड़ेगा या तोड़ेगा?
What's Your Reaction?