New Delhi: GDP Race में भारत चीन से पीछे क्यों? 2025 तक क्या होगा बड़ा बदलाव?

आईएमएफ के अनुसार 2025 तक भारत की जीडीपी में 383 अरब डॉलर का इजाफा होगा, लेकिन चीन से पीछे क्यों? जानिए GDP ग्रोथ, जनसंख्या और इतिहास के आंकड़ों का पूरा विश्लेषण।

Feb 2, 2025 - 12:24
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New Delhi: GDP Race में भारत चीन से पीछे क्यों? 2025 तक क्या होगा बड़ा बदलाव?
New Delhi: GDP Race में भारत चीन से पीछे क्यों? 2025 तक क्या होगा बड़ा बदलाव?

New Delhi: GDP Race में भारत की चुनौती, चीन के मुकाबले क्यों है पिछड़त?

आईएमएफ (IMF) के ताजा अनुमानों ने भारत को लेकर एक उम्मीद और एक चिंता दोनों पैदा की है। 2025 तक भारत की जीडीपी में 383 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होगी, जो कोविड के बाद सबसे बड़ी छलांग मानी जा रही है। लेकिन यहां सवाल यह है कि 6.5% GDP ग्रोथ के बावजूद भारत, चीन से आखिर क्यों पिछड़ रहा है? जबकि चीन की ग्रोथ रेट सिर्फ 4.5% ही रहने का अनुमान है। इसका जवाब छुपा है दोनों देशों की इतिहास, अर्थव्यवस्था के आकार और जनसंख्या के पैटर्न में।

1980 से 2025 तक: कैसे चीन बना 'ड्रैगन', भारत क्यों रहा 'शेर'?

1980 के दशक में भारत और चीन की अर्थव्यवस्था लगभग बराबर थी। लेकिन चीन ने 15 बार 10% से अधिक GDP ग्रोथ हासिल करके 2023 तक अपनी इकॉनमी को 19.53 ट्रिलियन तक पहुंचा दिया , जबकि भारत 4.27 ट्रिलियन पर ही है। IMF के मुताबिक, 2029 तक चीन की इकॉनमी भारत से चार गुना बड़ी हो जाएगी ( चीन: 24.6 ट्रिलियन vs भारत : 6.3 ट्रिलियन) ।

क्या है मुख्य कारण?

  • आर्थिक आकार: चीन की अर्थव्यवस्था का विस्तार निर्यात और विनिर्माण पर आधारित रहा। 1990 के दशक में "विश्व का कारखाना" बनने के बाद उसने वैश्विक बाजार पर कब्जा जमाया।

  • ग्रोथ का इतिहास: 1983-1995 के बीच चीन ने 9 बार डबल-डिजिट ग्रोथ हासिल की, जबकि भारत ने आज तक एक बार भी 10% ग्रोथ नहीं देखी (2021 को छोड़कर)।

  • जनसंख्या का फायदा-नुकसान: चीन की घटती आबादी (इस सदी के अंत तक आधी रह जाएगी) से प्रति व्यक्ति आय बढ़ी, जबकि भारत में युवाओं की भीड़ के बावजूद प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 2,937 है (चीन :13,873)।

कोविड काल का असर: भारत vs चीन

  • 2020 में चीन ने संभाली रफ्तार: कोविड के दौरान चीन की GDP ग्रोथ 2.2% रही, जबकि भारत -5.8% पर पहुंच गया।

  • 2022 का टर्नअराउंड: 2022 में भारत ने 7% ग्रोथ के साथ चीन (3%) को पीछे छोड़ा, लेकिन पर्सनल इनकम के मामले में अभी भी पिछड़े होने की वजह से कुल जीडीपी में फर्क बना हुआ है।

पाकिस्तान कहां है इस रेस में?

भारत और चीन के बीच तुलना करें तो पाकिस्तान की स्थिति और भी चिंताजनक है। 2023 में पाकिस्तान की जीडीपी 340 बिलियन जो भारत के वें हिस्से के बराबर है।कोविड के बाद उसकी ग्रोथ रेट 340 बिलियन है ,जो भारत के 16 वें हिस्से के बराबरहै।

भविष्य की रणनीति: क्या भारत चीन को पछाड़ पाएगा?

  • निवेश और तकनीक: चीन ने R&D पर भारत से 5 गुना अधिक निवेश किया है। भारत को मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे प्रोजेक्ट्स को तेज करना होगा।

  • जनसंख्या का सदुपयोग: भारत की 68% युवा आबादी (15-64 वर्ष) को स्किल डेवलपमेंट से जोड़कर प्रति व्यक्ति आय बढ़ाई जा सकती है।

  • एक्सपोर्ट बढ़ाना: चीन का एक्सपोर्ट 3.7 ट्रिलियन है, जबकि भारत का सिर्फ 3.7 ट्रिलियन है। इसे बढ़ाने के लिए MSME सेक्टर को मजबूत करना जरूरी है।

तुलना तालिका: भारत, चीन, पाकिस्तान (2023 आंकड़े)

पैरामीटर भारत चीन पाकिस्तान
GDP (नॉमिनल) $4.27 ट्रिलियन $19.53 ट्रिलियन $340 बिलियन
GDP ग्रोथ (2025 अनुमान) 6.5% 4.5% 2.0%
प्रति व्यक्ति आय $2,937 $13,873 $1,568
जनसंख्या (2023) 1.43 अरब 1.42 अरब 24 करोड़
एक्सपोर्ट (2023) $776 बिलियन $3.7 ट्रिलियन $32 बिलियन


भारत की GDP ग्रोथ तेज है, लेकिन चीन के मुकाबले इकॉनमी का आकार और प्रति व्यक्ति आय में पिछड़ना बड़ी चुनौती है। 1980 से सीख लेकर अगर भारत निर्यात, तकनीक और जनसंख्या के फायदे को भुनाता है, तो 2047 तक $10 ट्रिलियन इकॉनमी का लक्ष्य हासिल कर सकता है। फिलहाल, चीन का ड्रैगन भारत के शेर से आगे है, लेकिन रेस अभी खत्म नहीं हुई!

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।