वर दें माॅंं ज्ञान का उजियारा,हर मन में भर जाऍं - सुरेश कुमार बन्छोर, भिलाई
बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मां सरस्वती की आराधना से ज्ञान, विद्या और संगीत का प्रकाश फैलता है। यह दिन बुद्धि, कला और भौतिक विकास के लिए विशेष माना जाता है।
वर दें माॅंं ज्ञान का उजियारा,हर मन में भर जाऍं
सेमल-टेशू-पलाश लाल-पीले,आच्छादित हो जाऍं।
बसंत पंचमी"शुभ अवसर पर,ज्ञानामृत भर जाऍं।।
ज्ञान,विद्या,स्वर की देवी,माॅंं सरस्वती शिश नवाऍं।
वर दें माॅंं ज्ञान का उजियारा,हर मन में भर जाऍं।।
ब्रह्मा के जिह्वा में प्रगटीं,माघ शुक्ल पंचमी शारदे।
श्रीपंचमी या बसंतपंचमी कहें,हमें बुद्धि के वर दें।।
विद्या,कला,संगीत प्रधान, जीवन सरस बनाती हैं।
माॅंं शारदे के वरद हस्त हेतु, आरती सज जाती है।।
वीणा वादिनी के इशारे ब्रह्माजी,सृष्टि सृजन किया।
उपकार की हैं ज्ञान दायिनी,भौतिक विकास दिया।।
शारदेय पूजा लेआए हैं,बसंत बहार कितने मनुहार।
सेमल-टेशू-पलाश-गुलमोहर,सोहे प्रकृति गुलजार।।
सरस्वती पूजा',बसंत पंचमी,अपने हृदय पट खोलें।
सज्जनों सभी मिलकर, विद्या धात्री की जय बोलें।।
सरस्वती पूजा,बसंत पंचमी,मन में बजे शहनाईयाॅं।
सुरेश का स्वीकारें महारथियों,हृदयता से बधाईयाॅं।।
सुरेश कुमार बन्छोर
हथखोज, देमार (पाटन)
तालपुरी, भिलाई
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