Ranchi Book Launch: वीणा श्रीवास्तव की ‘चोंच भर बादल’ ने रचा नया साहित्यिक इतिहास!
रांची राष्ट्रीय पुस्तक मेले में वीणा श्रीवास्तव की किताब ‘चोंच भर बादल’ का भव्य लोकार्पण, जाने इस संग्रह की खासियत और इसकी कविताएँ क्यों हैं समाज के लिए प्रासंगिक!

रांची: साहित्य प्रेमियों के लिए आज का दिन बेहद खास रहा! रांची जिला स्कूल मैदान में आयोजित राष्ट्रीय पुस्तक मेले में कवयित्री वीणा श्रीवास्तव के चौथे काव्य संग्रह ‘चोंच भर बादल’ का भव्य लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन शब्दकार साहित्यिक समूह और पुस्तक मेला समिति के संयुक्त प्रयास से किया गया।
शब्दों की बारिश के साथ हुई भव्य शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई, जिसे कवि अंशुमान ने प्रस्तुत किया। मंच पर देश के कई प्रतिष्ठित साहित्यकार मौजूद थे, जिन्होंने वीणा श्रीवास्तव की कविताओं की सराहना की और उनकी रचनाओं को समाज के लिए प्रासंगिक बताया।
कविताओं में है स्त्री सशक्तिकरण और समाज का प्रतिबिंब
वरिष्ठ साहित्यकार श्री अशोक प्रियदर्शी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा,
"वीणा श्रीवास्तव की कविताओं में गहराई और ऊँचाई, दोनों हैं। उनके शब्द समाज के भीतर गहरे उतरते हैं और सोचने पर मजबूर करते हैं।"
वहीं, प्रख्यात साहित्यकार श्री शंभू बादल ने उनकी कविताओं को पुरुष वर्चस्व, स्त्री उत्पीड़न और सामाजिक शोषण के खिलाफ एक सशक्त आवाज बताया। उन्होंने खुद वीणा की एक प्रसिद्ध कविता –
"याद रखना, मैं औरत हूँ, कैक्टस में फूल खिलाना जानती हूँ"
का पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
क्या कहते हैं साहित्य जगत के दिग्गज?
सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. कमल बोस ने कहा,
"कोई बड़ा कार्य करने के लिए धन की नहीं, बल्कि मन की जरूरत होती है। कविता यथार्थ की आत्मा है, और एक सच्चे कवि का कार्य समाज को जागरूक करना होता है।"
डॉ. बिनोद कुमार ने ‘चोंच भर बादल’ को आधुनिक समय की सच्चाई का दर्पण बताया। उन्होंने कहा,
"इन कविताओं में न सिर्फ आत्मबोध है, बल्कि समाज के हर पहलू का बेबाक चित्रण भी देखने को मिलता है।"
विशेष अतिथि डॉ. दिनेश कुमार ने वीणा श्रीवास्तव को बधाई देते हुए कहा,
"उनकी कविताएँ न केवल साहित्य की धरोहर हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत भी हैं।"
नामवर सिंह ने दिया पुस्तक का नाम
कार्यक्रम के दौरान वीणा श्रीवास्तव ने बताया कि ‘चोंच भर बादल’ का नामकरण खुद आदरणीय नामवर सिंह ने किया था। यह उनके लिए एक सम्मानजनक क्षण था, जिसने इस संग्रह को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया।
बढ़ता कारवाँ: शब्दकार साहित्यिक समूह की सफलता
शब्दकार की अध्यक्ष रश्मि शर्मा ने कहा कि यह गर्व की बात है कि साहित्य के प्रति लोगों की रुचि लगातार बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि शब्दकार समूह में सदस्यों की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ रही है, जिससे यह कारवाँ और मजबूत होता जा रहा है।
कौन-कौन रहा मौजूद?
इस अवसर पर शब्दकार साहित्यिक समूह की उपाध्यक्ष संगीता कुजारा टॉक, सदस्य जय माला, साथ ही शहर के प्रबुद्ध साहित्यकार कुमार विजेंद्र, पंकज मित्र, चंद्रिका तिवारी, राकेश रमण, पूनम आनंद, मयंक मुरारी, प्रणव प्रियदर्शी, सुमिता सिन्हा, मधुमिता साहा, कविता सिंह, चारूमित्रा, रेणु मिश्रा, अनुपम श्री, विजय श्रीवास्तव, सोनू कृष्णन, डॉ. अशोक प्रमाणिक सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन सीमा चंद्रिका तिवारी ने किया, जिनकी सधी हुई प्रस्तुति ने पूरे आयोजन को एक खूबसूरत आयाम दिया।
साहित्य का नया अध्याय!
अंत में पुस्तक मेला प्रबंधक व आयोजक श्री चंद्रभूषण सिन्हा ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि ऐसे साहित्यिक आयोजनों से न केवल लेखकों को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि समाज में साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने का एक सशक्त मंच भी मिलता है।
क्यों खास है ‘चोंच भर बादल’?
- यह वीणा श्रीवास्तव का चौथा काव्य संग्रह है।
- इसमें समाज, स्त्री सशक्तिकरण, सामाजिक विडंबनाओं और यथार्थ का बेबाक चित्रण है।
- पुस्तक का नामकरण नामवर सिंह जैसे साहित्यकार ने किया है, जो इसे और भी विशिष्ट बनाता है।
- इस संग्रह की कविताएँ न सिर्फ संवेदनशील हैं, बल्कि सोचने पर मजबूर भी करती हैं।
‘चोंच भर बादल’ केवल एक कविता संग्रह नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जो समाज में सशक्त बदलाव लाने की क्षमता रखती है। इस पुस्तक का लोकार्पण साहित्यिक जगत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बन गया, जिससे आने वाली पीढ़ियाँ भी प्रेरित होंगी।
What's Your Reaction?






