बेटी पढ़ाओ,बेटी बचाओ - शिव नंदिनी, उत्तर प्रदेश
बेटी पढ़ाओ,बेटी बचाओ - शिव नंदिनी, उत्तर प्रदेश
बेटी पढ़ाओ,बेटी बचाओ
मुझे भी जग में आने दो ना मारो कोख में मुझको
करो अहशान मुझ पर माँ, कि बस एक सांस दो मुझको
जो आंखे खोल दी मैंने सवेरा आपका होगा
फर्क अब छोड़ दो करना कि बस एक आस दो मुझको
करु खिदमत तुम्हारी माँ ये जीवन दान दो मुझको
हंसी चेहरे की दू वापस जो एक मुस्कान दो मुझको
मेरे अब हाथ में दे दो कलम कॉपी की एक जन्नत
बदल दूं भाग्य मां तेरा जो एक नई राह दो मुझको
बदल दो सोच अब अपनी ये बेटी है वो बेटा है
पढ़ेगी एक जो बेटी तो समझो घर पढ़ा सब है
जिंदगी एक दो उसको वो तारेगी दो कुल को
ये बेटी है नहीं बेटा जो आंसू दे सदा घर को
उठा लो आज एक नारा की बेटी हम पढ़ाएंगे !!
की बेटी को बचाएंगे, बेटी को पढ़ाएंगे !
बेटी को बचाएंगे बेटी को पढ़ाएंगे!!
शिव नंदिनी
जालौन, उत्तर प्रदेश
What's Your Reaction?