दादा साहेब फाल्के पुरस्कार: भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को मान्यता देने वाला प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह पुरस्कार धुंडीराज गोविंद फाल्के की विरासत को सम्मानित करता है और अब तक 54 महान व्यक्तियों को प्रदान किया जा चुका है।

Sep 30, 2024 - 19:17
Sep 30, 2024 - 19:23
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दादा साहेब फाल्के पुरस्कार: भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार: भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान

दादा साहब फाल्के पुरस्कार को भारतीय सिनेमा में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक माना जाता है, जो फिल्म उद्योग में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए व्यक्तियों को सम्मानित करता है। भारतीय सिनेमा के पिता कहे जाने वाले धुंडीराज गोविंद फाल्के के नाम पर इस पुरस्कार की स्थापना 1969 में भारत सरकार द्वारा की गई थी।  यह पुरस्कार सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाता है, और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाता है। 

दादा साहब फाल्के पुरस्कार का नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के के नाम पर रखा गया है, जिन्हें व्यापक रूप से भारतीय सिनेमा का जनक माना जाता है। फाल्के को 1913 में भारत की पहली पूर्ण लंबाई वाली फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र के निर्देशन का श्रेय दिया जाता है। भारतीय सिनेमा में उनके अग्रणी काम ने देश में फिल्म उद्योग के विकास की नींव रखी। उनकी विरासत और भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए इस पुरस्कार का नाम उनके नाम पर रखा गया है।

दादा साहब फाल्के पुरस्कार को भारतीय सिनेमा में एक प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है, और इसे सिनेमा के क्षेत्र में उत्कृष्टता और उपलब्धि की मान्यता के रूप में देखा जाता है।  यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने अभिनेता, निर्देशक, निर्माता, लेखक या तकनीशियन के रूप में अपने काम के माध्यम से भारतीय सिनेमा पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं को उनके काम और भारतीय सिनेमा के विकास में उनके योगदान के आधार पर चुना जाता है।

अब तक, 54 लोगों को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इनमें देविका रानी, बीरेन्द्रनाथ सरकार, पृथ्वीराज कपूर (मरणोपरांत), पंकज मलिक, रूबी मेयर्स, बीएन रेड्डी, धीरेन्द्रनाथ गांगुली, कानन देवी, नितिन बोस, रायचंद बोरल, सोहराब मोदी, पैदी जयराज, नौशाद, एलवी प्रसाद, दुर्गा खोटे, सत्यजीत रे, वी शांताराम, बी नागा रेड्डी, अशोक कुमार, लता मंगेशकर, अक्किनेनी नागेश्वर राव, भालजी पेंढरकर, भूपेन हजारिका, मजरूह सुल्तानपुरी, दिलीप कुमार, राज कुमार (कन्नड़), शिवाजी गणेशन, कवि प्रदीप, बीआर चोपड़ा, ऋषिकेश मुखर्जी, आशा भोंसले, यश चोपड़ा, देव आनंद, मृणाल सेन, अदूर गोपालकृष्णन, श्याम बेनेगल, तपन सिन्हा, मन्ना डे, वीके मूर्ति, डी रामानायडू, के बालाचंदर, सौमित्र चटर्जी, प्राण, गुलजार, शशि कपूर, मनोज कुमार, के विश्वनाथ, विनोद खन्ना (मरणोपरांत), अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, आशा पारेख, वहीदा रहमान और मिथुन चक्रवर्ती शामिल हैं।

दादा साहेब फाल्के अकादमी के द्वारा हर साल उनके नाम पर कुल तीन पुरस्कार दिए जाते हैं, इनमें फाल्के रत्न अवार्ड, फाल्के कल्पतरु अवार्ड और दादासाहेब फाल्के अकादमी अवार्ड शामिल हैं। दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड पाने वाले को 10 लाख रुपए नगद दिए जाते हैं। इसके अलावा एक स्वर्ण कमल और सम्मान स्वरूप  शॉल भी भेंट की जाती है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।