Tatanagar Rescue: 14 साल के बच्चे का सफर खत्म, RPF ने बचाई मासूम की जिंदगी
Tatanagar रेलवे स्टेशन पर RPF ने बिना टिकट यात्रा कर रहे 14 वर्षीय बच्चे को बचाया। जानें कैसे चाइल्डलाइन ने बच्चे को परिवार से मिलाने की तैयारी की।
टाटानगर: 27 नवंबर 2024 को टाटानगर रेलवे स्टेशन पर एक 14 वर्षीय बच्चा बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़ा गया। यह बच्चा ट्रेन नंबर 12262 (हावड़ा-सीएसएमटी दूरंतो) में अकेला सफर कर रहा था। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और ऑनबोर्ड स्टाफ की सतर्कता ने न केवल बच्चे को सुरक्षित बचाया बल्कि उसे सही हाथों तक पहुंचाने की प्रक्रिया भी शुरू की।
कैसे सामने आया मामला?
ट्रेन के ऑनबोर्ड टिकट इंस्पेक्टर (TTI) देबदीप बसु ने ट्रेन में एक नाबालिग को अकेला और असहज पाया।
- बिना टिकट यात्रा: बच्चे के पास न टिकट था और न ही कोई अभिभावक।
- संदेह बढ़ने पर: जब बच्चे से सवाल-जवाब किया गया, तो उसकी स्थिति असामान्य लगी।
यह घटना ट्रेन के हावड़ा से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) की यात्रा के दौरान हुई। देबदीप बसु ने तुरंत इसकी सूचना रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को दी।
टाटानगर पर RPF की तत्परता:
ट्रेन के टाटानगर स्टेशन पहुंचने पर RPF ने बच्चे को अपनी कस्टडी में लिया।
- बच्चे को आवश्यक सहायता और देखभाल प्रदान की गई।
- मामले की गंभीरता को देखते हुए चाइल्डलाइन को इसकी सूचना दी गई।
चाइल्डलाइन की भूमिका:
RPF ने बच्चे को सुरक्षित चाइल्डलाइन संगठन को सौंप दिया।
- परिवार से संपर्क: चाइल्डलाइन ने बच्चे के माता-पिता से संपर्क स्थापित किया।
- पुनर्मिलन की प्रक्रिया: बच्चे को जल्द ही उसके माता-पिता के पास भेजने की तैयारी की जा रही है।
चाइल्डलाइन की एक प्रतिनिधि ने कहा, "हम बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। उसके परिवार से बातचीत हो चुकी है और जल्द ही उसे वापस भेजा जाएगा।"
इतिहास में रेलवे की सतर्कता:
भारतीय रेलवे न केवल यात्रियों की यात्रा को सुरक्षित बनाता है, बल्कि ऐसे मामलों में भी अपनी जिम्मेदारी निभाता है।
- 2020 में शुरू की गई पहलें: रेलवे ने बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष टीमें और हेल्पलाइन नंबर शुरू किए।
- RPF की सक्रियता: रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के अधिकारियों ने ऐसे कई मामलों में बच्चों को बचाया है।
यात्रियों के लिए संदेश:
यह घटना भारतीय रेलवे की सतर्कता और जिम्मेदारी का बेहतरीन उदाहरण है।
- यात्रियों के लिए सुझाव:
- यात्रा के दौरान संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत रेलवे कर्मचारियों को दें।
- अकेले बच्चों को देखकर सतर्क रहें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
- रेलवे हेल्पलाइन 139 का उपयोग करें।
14 वर्षीय इस बच्चे की कहानी सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि रेलवे की प्रभावी व्यवस्था की सफलता है। RPF और चाइल्डलाइन की यह संयुक्त कार्रवाई न केवल बच्चे के जीवन को सुरक्षित बना रही है, बल्कि समाज में जागरूकता भी फैला रही है।
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