Tata Steel Bust: 'चोरी की नीयत' से प्लांट में घुसे 3 चोर दबोचे! पूछताछ में खोला 'चोरी का माल' बेचने वाले टाल का राज
टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट की सुरक्षा टीम ने चोरी की नीयत से कंपनी परिसर में घुस रहे तीन युवकों (चरण सिंह, पवन कालिंदी, मोहम्मद अर्शद) को तत्परता से पकड़ा। पूछताछ में इन्होंने चोरी का सामान एक टाल में बेचने की बात कबूली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जमशेदपुर के टाटा स्टील प्लांट की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था ने एक बार फिर चोरों के नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया है। जिस प्लांट में एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक उत्पादन होता है, उस अति-संवेदनशील परिसर में चोरी की नीयत से घुसने वाले तीन शातिर युवकों को कंपनी के सुरक्षाकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। यह घटना दर्शाती है कि औद्योगिक चोरी की समस्या कितनी गंभीर है और कैसे चोरों का एक संगठित नेटवर्क बड़े औद्योगिक परिसरों को निशाना बनाने की फिराक में रहता है।
यह कार्रवाई तब हुई है जब कुछ ही दिन पहले टाटा स्टील की सुरक्षा में सेंध लगने की खबरें आई थीं। इस गिरफ्तारी ने सुरक्षाकर्मियों की चौकसी और मुस्तैदी को साबित कर दिया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पकड़े गए चोरों ने पूछताछ में चोरी के सामान को ठिकाने लगाने वाले एक 'टाल' (कबाड़खाना) का राज भी खोला है, जो अब पुलिस के लिए चोरी के बड़े नेटवर्क तक पहुंचने का पहला सुराग बन सकता है।
चोरी की नीयत से घुसपैठ
टाटा स्टील प्लांट के सुरक्षाकर्मियों ने चोरी की नियत से कंपनी परिसर में घुसते हुए तीन युवकों को पकड़ा। पकड़े गए युवकों की पहचान इस प्रकार है:
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चरण सिंह (18 वर्ष)
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पवन कालिंदी (30 वर्ष)
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मोहम्मद अर्शद (48 वर्ष)
इन तीनों की उम्र में बड़ा अंतर है, जो यह दर्शाता है कि यह एक असंगठित या छोटे गिरोह के सदस्य हो सकते हैं, जहां अलग-अलग उम्र के लोग चोरी जैसे अपराधों में शामिल हैं।
सुरक्षाकर्मियों ने इन तीनों को पकड़ने के बाद बिष्टुपुर थाना की पुलिस को हैंडओवर कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
टाल में बेचते थे चोरी का सामान
पुलिस द्वारा की गई शुरुआती पूछताछ में इन चोरों ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि वे चोरी किए गए सामान को एक विशेष 'टाल' (कबाड़ या अवैध सामान खरीदने वाली जगह) में बेचते थे।
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नेटवर्क का खुलासा: यह जानकारी पुलिस के लिए एक अहम सुराग है। पुलिस अब चोरी के सामान को खरीदने वाले और इस पूरे चोरी के नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
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लगातार सेंधमारी: इन तीनों ने यह भी कबूल किया है कि वे लगातार चोरी की घटना को अंजाम देने के लिए कंपनी परिसर में घुसते थे।
औद्योगिक क्षेत्रों में इस तरह की चोरियां अक्सर लाखों रुपये का नुकसान करती हैं, क्योंकि चोर छोटे-छोटे पुर्जे, धातुएं और कीमती स्क्रैप चुराते हैं। चोरी का यह सामान कबाड़खानों के माध्यम से बाजार में चला जाता है, जिससे चोरों का हौसला बढ़ता है।
बिष्टुपुर पुलिस अब इस टाल के ठिकाने और संचालकों की तलाश में जुट गई है। जल्द ही इस चोरी के सिंडिकेट का खुलासा होने की उम्मीद है।
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