Sidhgora Tragedy: पिता की मजदूरी बनी 'काल'! 5 साल के मासूम की सेप्टिक टैंक में डूबकर दर्दनाक मौत
जमशेदपुर के सिदगोड़ा, आस्था सिटी टाउन में मजदूरी करने गए पिता का 5 वर्षीय पुत्र आदर्श कुमार सेप्टिक टैंक में डूब गया। खेलते समय हुई इस दर्दनाक घटना के बाद बच्चे को एमजीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जमशेदपुर के सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के आस्था सिटी टाउन से एक दिल को झकझोर देने वाली और दर्दनाक खबर सामने आई है। एक मासूम 5 वर्षीय बच्चे आदर्श कुमार की घर के बाहर बने सेप्टिक टैंक में डूबने से मौत हो गई। यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि यह गरीब मजदूरों के बच्चों की सुरक्षा और निर्माण स्थलों पर बरती जाने वाली घोर लापरवाही पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है।
मृतक बच्चे के पिता तपन कुम्भकार मानगो कुमरुम बस्ती के निवासी हैं और मजदूरी का काम करते हैं। गरीबी और काम की मजबूरी के चलते वह अपने पुत्र आदर्श को अपने साथ मजदूरी करने के लिए आस्था सिटी टाउन लेकर गए थे। यह त्रासदी उस संघर्ष को दर्शाती है जिसका सामना रोज कमाने-खाने वाले परिवार करते हैं, जहां बच्चों की देखरेख अक्सर कामकाज के बोझ तले दब जाती है।
खाना खाने के बाद मासूम बना हादसे का शिकार
मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को तपन कुम्भकार और उनका बेटा आदर्श आस्था सिटी टाउन में मौजूद थे। खाना खाने के बाद मासूम आदर्श खेलने लगा। खेल-खेल में ही वह उस जानलेवा सेप्टिक टैंक के पास पहुँच गया जो घर के बाहर बना था।
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लापरवाही: सवाल उठता है कि एक नवनिर्मित या निर्माणाधीन क्षेत्र में सेप्टिक टैंक को ढका क्यों नहीं गया था, खासकर तब जब वहाँ मजदूर और उनके बच्चे मौजूद थे। यह घोर लापरवाही सीधे तौर पर बिल्डर या ठेकेदार की सुरक्षा जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करती है।
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पहला सुराग: जब आदर्श काफी देर तक नहीं दिखा, तो पिता और अन्य लोगों ने उसकी खोजबीन शुरू की। तभी सेप्टिक टैंक के पास बच्चे का चप्पल मिला, जिसने सभी को एक भयावह आशंका से भर दिया।
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बेहोशी की हालत: सेप्टिक टैंक में खोजबीन करने पर बच्चा बेहोश पड़ा मिला।
एमजीएम अस्पताल में मृत घोषित
आनन-फानन में मासूम आदर्श को पहले मर्सी अस्पताल ले जाया गया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए, उसे वहां से तुरंत एमजीएम अस्पताल (MGMMCH) रेफर कर दिया गया।
एमजीएम अस्पताल में डॉक्टरों ने तमाम प्रयासों के बावजूद बच्चे को बचा नहीं पाए और उसे मृत घोषित कर दिया। यह घटना मजदूरी करने वाले पिता के लिए किसी पहाड़ टूटने से कम नहीं है, जो काम के दौरान अपने बच्चे को खो बैठा।
पुलिस को इस दुर्घटना की सूचना दे दी गई है। सिदगोड़ा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और वह अब आगे की कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस इस बात की जांच करेगी कि क्या यह दुर्घटना किसी की लापरवाही के कारण हुई है, और क्या निर्माण स्थल पर सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा था। इस तरह के हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा नियमों को कठोरता से लागू करने की आवश्यकता है।
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