Kolhan Meeting: अभाविप ने कुलपति से की खास मुलाकात, शिक्षा व्यवस्था पर लिए बड़े फैसले!
कोल्हान विश्वविद्यालय में शिक्षा सुधार के लिए ABVP ने कुलपति से मुलाकात, प्रशासन को दीं अहम मांगें, छात्रों को जल्द मिलेगा समाधान!

कोल्हान: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को कोल्हान विश्वविद्यालय की कुलपति से विशेष मुलाकात की। इस दौरान विश्वविद्यालय में चल रही शैक्षणिक समस्याओं, शिक्षकों की कमी और प्रशासनिक सुधारों पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस मुलाकात में अभाविप के प्रदेश सह मंत्री ऋतुराज शाहदेव, कोल्हान विभाग प्रमुख डॉ. केके कमलेंदु, संगठन मंत्री दुर्गा बोदरा और जमशेदपुर महानगर मंत्री अभिषेक कुमार समेत कई छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
विश्वविद्यालय में शिक्षा व्यवस्था को लेकर क्या हुई चर्चा?
प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति को विश्वविद्यालय की मौजूदा चुनौतियों और सुधार के लिए जरूरी कदमों से अवगत कराया। अभाविप के प्रदेश सह मंत्री ऋतुराज शाहदेव ने कहा कि यह बैठक बेहद सार्थक रही और विश्वविद्यालय में सकारात्मक बदलाव के लिए परिषद पूरी तरह से सहयोग करेगी।
पिछले दो वर्षों से ठप थी व्यवस्था, अब उम्मीदें बढ़ीं!
कोल्हान विश्वविद्यालय में बीते दो वर्षों से कुलपति पद खाली था, जिससे शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हुई। विभाग प्रमुख डॉ. केके कमलेंदु ने कहा कि नए कुलपति के आने से प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यों में सुधार होगा, शिक्षकों की कमी दूर होगी और विद्यार्थियों को होने वाली परेशानियों का समाधान मिलेगा।
ABVP की अहम मांगें, शिक्षा सुधार पर जोर!
अभाविप ने विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष कुछ प्रमुख मांगें रखीं:
- शिक्षकों की नियुक्ति जल्द से जल्द हो
- पठन-पाठन की व्यवस्था नियमित की जाए
- छात्रों की समस्याओं का तुरंत समाधान हो
- परीक्षाओं और रिजल्ट प्रक्रिया को समय पर पूरा किया जाए
क्या कहते हैं विश्वविद्यालय के छात्र?
इस मुलाकात के बाद छात्रों में एक नई उम्मीद जगी है। पिछले कुछ वर्षों में कोल्हान विश्वविद्यालय में पढ़ाई का स्तर गिरा था, परीक्षाएं लेट हो रही थीं और प्रशासनिक अनियमितताएं बढ़ गई थीं। अब, नए कुलपति के नेतृत्व में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की पहल तेज हो सकती है।
कोल्हान विश्वविद्यालय का इतिहास और उसकी अहमियत
कोल्हान विश्वविद्यालय, झारखंड का एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है। इसकी स्थापना 2009 में हुई थी और यह क्षेत्र के हजारों छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का केंद्र रहा है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में शासन-प्रशासन की सुस्ती और कुलपति पद खाली होने के कारण छात्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।
अब क्या होगा?
अभाविप ने विश्वविद्यालय प्रशासन को स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर जल्द सुधार नहीं हुए, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने से पीछे नहीं हटेंगे। अब देखना होगा कि कुलपति और प्रशासन छात्रों की मांगों को कितनी जल्दी पूरा करता है।
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