Sonari Celebration: संविधान दिवस पर हुआ केक कटिंग और संविधान की भावना को याद
जमशेदपुर के सोनारी में संविधान दिवस के मौके पर शांति समिति सचिव सुधीर कुमार पप्पू ने केक काटकर मनाया यह खास दिन। जानें, संविधान के मूल आदर्श और इस आयोजन के पीछे की प्रेरणा।
जमशेदपुर: आज, 26 नवंबर को पूरे देश में संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस खास मौके पर जमशेदपुर के सोनारी थाना शांति समिति के सचिव सुधीर कुमार पप्पू ने अपने आवासीय कार्यालय में परिवार और प्रियजनों के साथ केक काटकर इस दिन को यादगार बनाया। इस आयोजन ने न केवल संविधान के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि इसके आदर्शों की पुनर्स्थापना का संदेश भी दिया।
संविधान दिवस: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
26 नवंबर 1949 का दिन भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इसी दिन भारत का संविधान तैयार हुआ और इसे अपनाया गया। 1950 में यह पूरी तरह से लागू हुआ। डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें भारतीय संविधान का शिल्पकार कहा जाता है, ने इस महान दस्तावेज को तैयार करने में अपनी असाधारण भूमिका निभाई। यह दिन उन आदर्शों—न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व—की याद दिलाता है, जिन पर हमारा राष्ट्र आधारित है।
सोनारी में संविधान दिवस का खास आयोजन
सोनारी थाना शांति समिति के सचिव सुधीर कुमार पप्पू ने इस मौके पर अपने आवासीय कार्यालय में संविधान दिवस मनाने का आयोजन किया। उन्होंने अपने प्रियजनों और स्थानीय नागरिकों के साथ केक काटकर संविधान के आदर्शों के प्रति सम्मान प्रकट किया।
इस कार्यक्रम में प्रदीप लाल, राहुल भट्टाचार्य, सुमित ठाकुर, प्रभात रंजन श्रीवास्तव, बेबी मुंडा, अरुण जॉन, भंजन साहू, सर्वेश हरिचंद साहू, शोभा देवी सहित कई लोग उपस्थित थे।
संविधान की भावना और प्रतिबद्धता
इस अवसर पर सुधीर कुमार पप्पू ने कहा,
"हम सभी को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों को न केवल मानना चाहिए, बल्कि इन्हें अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। संविधान हमारे लोकतंत्र की आत्मा है और हमें इसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता को हर साल याद करना चाहिए।"
उन्होंने यह भी दोहराया कि यह दिन डॉ. अंबेडकर की दृष्टि और उनके द्वारा प्रस्तुत संविधान की भावना को बनाए रखने का वचन लेने का है।
स्थानीय समुदाय का जुड़ाव
इस आयोजन ने सोनारी के स्थानीय समुदाय को संविधान के महत्व को समझने और उसके प्रति अपनी आस्था को प्रकट करने का अवसर दिया। उपस्थित लोगों ने संविधान दिवस के मूल आदर्शों पर चर्चा की और डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद किया।
बेबी मुंडा, जो इस कार्यक्रम का हिस्सा थीं, ने कहा,
"संविधान दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी एक समान हैं। डॉ. अंबेडकर ने जो अधिकार हमें दिए हैं, हमें उनकी रक्षा करनी चाहिए।"
क्या है संविधान दिवस का महत्व?
संविधान दिवस, जिसे राष्ट्रीय कानून दिवस भी कहा जाता है, न केवल हमारे संवैधानिक मूल्यों की पुनर्स्थापना का प्रतीक है, बल्कि यह एक ऐसा मौका भी है जब हम खुद को यह याद दिलाते हैं कि देश के हर नागरिक को समान अवसर, न्याय और स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।
आगे की राह
सोनारी में आयोजित यह छोटा लेकिन प्रेरणादायक कार्यक्रम यह बताता है कि हमारे समाज को संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के प्रति जागरूक बनाना कितना जरूरी है। सुधीर कुमार पप्पू और उनकी टीम का यह प्रयास स्थानीय समुदाय के लिए एक मिसाल है।
संविधान दिवस मनाने का सबसे अच्छा तरीका क्या हो सकता है? क्या आप अपने क्षेत्र में ऐसा कोई आयोजन देखना चाहते हैं? हमें अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।
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